G20 शिखर सम्मेलन में चीनी उपस्थिति का विरोध नहीं करेंगे तिब्बती, जिनपिंग को बताया माओत्से तुंग से भी बदतर
निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्य दावा त्सेरिंग ने कहा कि अगर शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में शामिल होते तो हम जी20 बैठक के दौरान कुछ आंदोलन करना चाहते थे। अब हमने सुना है कि वह नहीं आ रहे हैं।
तिब्बती प्रतिनिधि ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान निर्वासित तिब्बती यहां चीनियों के खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे क्योंकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बैठक में भाग नहीं लेंगे। निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्य दावा त्सेरिंग ने कहा कि अगर शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में शामिल होते तो हम जी20 बैठक के दौरान कुछ आंदोलन करना चाहते थे। अब हमने सुना है कि वह नहीं आ रहे हैं। सेरिंग ने कहा कि जब से शी जिनपिंग सत्ता में आए हैं, वह भारत सरकार और भारतीय लोगों को भड़का रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि वह (शी) तिब्बती लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं और उन्होंने छोटे बच्चों को अपनी भाषा सीखने की इजाजत नहीं दी। अगर मेरा बेटा भिक्षु बनना चाहता है, तो वह इसकी इजाजत नहीं देते। यह एक सांस्कृतिक नरसंहार है। वह माओत्से तुंग से भी बदतर हैं।
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जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे जिनपिंग
यह पूछे जाने पर कि क्या तिब्बती शिखर सम्मेलन में चीनी प्रतिनिधि की उपस्थिति का विरोध करेंगे, त्सेरिंग ने कहा कि विरोध तभी होता जब शी जिनपिंग बैठक में भाग लेने आते। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ दृढ़ता से खड़ी होगी जो वह न केवल भारत बल्कि सभी दक्षिण एशियाई देशों के प्रति अपनाती है। जी20 बैठक में दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिनिधिमंडलों को इस चीनी नीति के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
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