संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर जयशंकर ने कहा, रुख में बदलाव आया, हमें अनुकूल संकेत मिले
विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क यात्रा का समापन करते हुए शनिवार को यहां भारतीय संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘जहां तक संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात है तो हर महासभा (सत्र) में यह उठता है, लेकिन इस बार रुख में कुछ बदलाव हुआ है। आप इसे देख सकते हैं, इसे महसूस कर सकते हैं।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार के मद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रुख में ‘बदलाव’ आया है। विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क यात्रा का समापन करते हुए शनिवार को यहां भारतीय संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘जहां तक संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात है तो हर महासभा (सत्र) में यह उठता है, लेकिन इस बार रुख में कुछ बदलाव हुआ है। आप इसे देख सकते हैं, इसे महसूस कर सकते हैं।’’ जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर रुख में बदलाव का अहसास केवल उन्हें ही नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस बदलाव को सभी महसूस कर रहे हैं और वास्तव में यह कुछ ऐसा है, जिसकी जानकारी मुझे दूसरों ने दी।’’ जयशंकर ने रेखांकित किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस सप्ताह की शुरुआत में महासभा में बहस के दौरान कहा था कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि का समर्थन करेगा, जिनमें अफ्रीका, लातिन अमेरिका और कैरीबियाई देशों को स्थायी सदस्यता देना शामिल है। अमेरिका इस मांग का लंबे समय से समर्थन कर रहा है।
जयशंकर ने कहा कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने विशेष तौर पर महासभा के मंच से भारत का उल्लेख किया और कई अन्य देशों ने भी अपने भाषण में भारत का संदर्भ दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने भी वैश्विक निकाय में सुधार की जरूरत को मजबूती से रखा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे लिए कुछ अनुकूल स्थिति पैदा हुई है। अब हमें देखना है कि इससे क्या हो सकता है। मेरा मानना है कि यह स्वागतयोग्य कदम है। मैं ऐसा व्यक्ति हूं, जो कई वर्षों से यहां आ रहा है और मुझे यकीन है कि यह सूक्ष्म बदलाव से कहीं अधिक है और मैं इसका स्वागत करता हूं।
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