लीबिया में येलो वेस्ट’ प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस पर खलीफा हफ्तार को समर्थन देने का लगाया आरोप
फ्रांस में सरकार विरोधी ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शन से प्रभावित यहां प्रदर्शनकारियों ने पीले रंग की जैकेट पहन रखी थीं। ये प्रदर्शनकारी उन हजारों लीबियाई प्रदर्शनकारियों में से हैं जो अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त गर्वनमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) का समर्थन करने के लिए मध्य त्रिपोली के चौराहे पर जमा हुए हैं।
त्रिपोली। लीबिया में ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शकारियों ने शुक्रवार को जनरल खलीफा हफ्तार की कार्रवाई के खिलाफ राजधानी में प्रदर्शन किया और फ्रांस पर खलीफा को समर्थन देने का आरोप लगाया। फ्रांस में सरकार विरोधी ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शन से प्रभावित यहां प्रदर्शनकारियों ने पीले रंग की जैकेट पहन रखी थीं। ये प्रदर्शनकारी उन हजारों लीबियाई प्रदर्शनकारियों में से हैं जो अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त गर्वनमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) का समर्थन करने के लिए मध्य त्रिपोली के चौराहे पर जमा हुए हैं।
Hundreds of "yellow vest" protesters demonstrated in Tripoli against an offensive by military strongman Khalifa Haftar on the Libyan capital and accused France of backing him https://t.co/xzqP2933RQ
— AFP news agency (@AFP) April 19, 2019
यहां प्रदर्शनकारियों ने एक बैनर थाम रखा था जिस पर लिखा था की हम त्रिपोली पर हमले के समय फ्रांस के व्यवहार को देखकर आश्चर्यचकित हैं। इस बैनरों पर फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और मिस्र तथा सऊदी अरब के नेताओं की तस्वीर लगी हुईं थीं। मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात हफ्तार को कट्टरवादी इस्लामी लोगों के सहयोगी के रूप में देखते हैं। तानाशाह मोहम्मद गद्दाफी को 2011 में सत्ता से बेदखल करने के बाद यहां इस्लामी कट्टरवादी मजबूत हुए हैं।
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वहीं लीबिया में फ्रांस के दूतावास ने शुक्रवार को अरबी भाषा में ट्वीट करते हुए कहा कि वह ‘त्रिपोली पर हमले का विरोध’ करते हैं। उन्होंने सभी पक्षों से संघर्ष विराम का पालन करने तथा शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की है। खलीफा हफ्तार के प्रति वफादार बलों ने त्रिपोली पर कब्जा करने के लिए चार अप्रैल को हमला शुरू किया। इस कदम ने इस उत्तरी अफ्रीकी देश में उथल-पुथल मचा दी ।अंतरराष्ट्रीय आव्रजन संगठन ने अनुसार लीबिया में चल रहे संघर्ष में मरने वालों की संख्या 200 से अधिक पहुंच गई है, और 25,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
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