स्वतंत्रता के लिए मतदान में इराकी कुर्द लोगों ने बगदाद को अनसुना किया
मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ लेकिन आगे मुश्किलें पेश आ सकती हैं। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने जनमत संग्रह के ‘संभावित अस्थिरता लाने वाले प्रभावों’ पर चिंता
अरबिल (इराक)। इराक के कुर्दों ने आजादी संबंधी ऐतिहासिक जनमत संग्रह में हुए मतदान को लेकर व्यापक विरोध को नजरअंदाज किया जिसकी वजह से बगदाद और तुर्की के साथ उसका तनाव बढ़ गया है और अशांति का खतरा उत्पन्न हो गया है। मतदान के लिए उमड़े मतदाताओं में इसे लेकर खासा जोश नजर आया। उत्तरी इराक के स्वायत्त कुर्द क्षेत्र और कुछ विवादित इलाकों में मतदान बाध्यकारी नहीं था और इसके आधार पर सीधे आजादी नहीं मिल जाएगी। लेकिन कुर्द इसे आजादी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
मतदान करने के बाद मतदाता उंगली पर लगे स्याही के निशान को उत्साहपूर्वक दिखाते नजर आए। ऐसा मानना है कि मतदान का परिणाम पक्ष में आएगा। पचास लाख मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र अंतरराष्ट्रीय समयानुसार शाम सात बजे बंद हुए थे। परिणाम 24 घंटे के भीतर आ सकते हैं। मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ लेकिन आगे मुश्किलें पेश आ सकती हैं। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने जनमत संग्रह के ‘संभावित अस्थिरता लाने वाले प्रभावों’ पर चिंता जताई।
उन्होंने ‘संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता तथा इराक की एकता’ के प्रति सम्मान जताते हुए कहा कि मतभेदों का समाधान ‘व्यवस्थित संवाद तथा रचनात्मक समझौते’ के जरिए निकाला जाए। बगदाद ने मतदान को असंवैधानिक घोषित किया है। वहां के सांसदों ने सरकार से जनमत संग्रह वाले इलाकों में जवान भेजने की मांग की थी। इस्तांबुल में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने चेतावनी दी कि वह इराक के कुर्दिस्तान के साथ अपनी सीमा बंद कर देंगे और महत्वपूर्ण निर्यात बंद कर देंगे। तुर्की को अंदेशा है कि मतदान का असर उसके यहां मौजूद बड़ी कुर्द आबादी पर पड़ सकता है।
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