Taliban विदेश में अधिक अफगान दूतावासों का प्रभार चाहता है

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अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की हुकूमत संभालने के बाद तालिबान ने अधिक उदार शासन का भरोसा दिलाया था, लेकिन बाद में उसने मौलिक अधिकारों को कमतर करने वाले कई प्रतिबंधों की घोषणा की।

तालिबान सरकार विदेश में और अधिक अफगान दूतावासों का प्रभार अपने हाथों में लेना चाहती है। एक सरकारी प्रवक्ता ने महिलाओं और लड़कियों पर लगाई गई पाबंदियों को लेकर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अलग-थलग किए जाने के बीच शनिवार को यह बात कही। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की हुकूमत संभालने के बाद तालिबान ने अधिक उदार शासन का भरोसा दिलाया था, लेकिन बाद में उसने मौलिक अधिकारों को कमतर करने वाले कई प्रतिबंधों की घोषणा की।

संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की सरकारों ने महिलाओं की शिक्षा और रोजगार पर तालिबान द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने को लेकर आशंकित है। हालांकि, पाकिस्तान, तुर्किये, कतर और चीन जैसे देशों ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास सक्रिय रखे हैं। तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक वीडियो में कहा, “इस्लामी अमीरात ने कम से कम 14 देशों में अपने राजदूत भेजे हैं और विदेशों में अन्य राजनयिक मिशन का प्रभार हासिल करने की कोशिशें जारी हैं।”

मुजाहिद ने कहा, “पूर्व सरकार के राजनयिक विदेश मंत्रालय के समन्वय में अपनी गतिविधियां बरकरार रख रहे हैं।” उसने बताया कि तालिबान सरकार ने ईरान, तुर्किये, पाकिस्तान, रूस, चीन, कजाकिस्तान और अन्य अरब एवं अफ्रीकी देशों में अपने राजदूत भेजे हैं। मुजाहिद ने कोई और विवरण नहीं दिया। फरवरी में, अधिकारियों ने तेहरान में अफगानिस्तान के दूतावास का नियंत्रण तालिबान सरकार के राजनयिकों को सौंप दिया था। यह दूतावास पहले अफगानिस्तान की अमेरिका समर्थित पूर्ववर्ती सरकार के राजनयिकों द्वारा संचालित किया जा रहा था।

सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी इस संबंध में तत्काल आंकड़े उपलब्ध कराने में नाकाम रहे कि अगस्त 2021 के बाद से विदेश में कितने अफगान राजनयिक मिशन सक्रिय हैं या कितने मिशन में अफगान राजनयिकों ने कार्यभार संभाला है। करीमी ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “विदेश में कई दूतावास हैं। इस्लामी अमीरात सभी देशों के साथ राजनयिक संबंध चाहता है और अच्छे संवाद के साथ आगे बढ़ने की मंशा रखता है।” उसने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस्लामी अमीरात के साथ आधिकारिक संबंध शुरू होते ही सभी देशों में अफगान दूतावास खुल जाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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