श्रीलंका ने तमिल प्रवासियों के छह समूहों और 316 व्यक्तियों पर से प्रतिबंध हटाया
नकदी संकट से जूझ रही श्रीलंका की सरकार ने तमिल प्रवासियों के छह समूहों और 316 व्यक्तियों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की सरकार द्विपीय देश पर आए अभूतपूर्ण आर्थिक संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक उपाय खोजने के लिए जद्दोजहद कर रही है।
कोलंबो, 15 अगस्त। नकदी संकट से जूझ रही श्रीलंका की सरकार ने तमिल प्रवासियों के छह समूहों और 316 व्यक्तियों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की सरकार द्विपीय देश पर आए अभूतपूर्ण आर्थिक संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक उपाय खोजने के लिए जद्दोजहद कर रही है। इन समूहों और व्यक्तियों पर से प्रतिबंध रक्षा मंत्रालय द्वारा असाधारण गजट जारी कर हटाया गया। समाचार पोर्टल अदादरना डॉट एलके के मुताबिक शनिवार को 316 व्यक्तियों और प्रवासियों के छह समूहों को प्रतिबंधितों की सूची से हटा दिया गया।
पोर्टल के मुताबिक प्रवासियों के जिन छह समूहों पर से पाबंदी हटाई गई है, उनमें ऑस्ट्रेलियन तमिल कांग्रेस, ग्लोबल तमिल फोरम, वर्ल्ड तमिल कोऑर्डिनेटिंग कमिटी, तमिल ईलम पीपुल्स असेंबली, कैनेडियन तमिल कांग्रेस और ब्रिटिश तमिल फोरम शामिल हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में महिंदा राजपक्षे की सरकार ने लिब्रेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) और तमिल प्रवासियों के 15 अन्य समूहों को कथित तौर पर आतंकवाद से सबंध होने और देश में तीन दशक से जारी युद्ध के दौरान हुई क्रूरता में भूमिका होने की वजह से प्रतिबंधित कर दिया था।
वर्ष 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने इन समूहों पर से प्रतिबंध हटा लिया था ताकि श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के तमिल बहुल इलाकों में पुन: निर्माण की पहल की जा सके, जो गृह युद्ध में बर्बाद हो गए थे। हालांकि, वर्ष 2021 में गोटबाया राजपक्षे की सरकार ने इन समूहों पर दोबारा पांबदी लगा दी और उनसे बात करने से इनकार कर दिया था। श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है और मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की सरकार का मानना है कि तमिल प्रवासी समूहों को दोबारा वार्ता प्रक्रिया में शामिल करने से नकद सकंट से गुजर रही सकरार को अत्यधिक जरूरी विदेशी मुद्राआकर्षित करने में मदद मिलेगी।
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