सिख अमेरिकी नागरिकों ने कहा, पाकिस्तान के साथ तनाव नहीं बढ़ाए भारत

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[email protected] । Mar 13 2019 5:49PM

यहां भारतीय दूतावास में इस संबंध में ज्ञापन सौंपने के लिये अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से आये प्रमुख सिख-अमेरिकी नागरिकों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में एकत्रित हुआ था।

वाशिंगटन। अमेरिका में रहने वाले सिख अमेरिकी नागरिकों ने भारत सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिये कहा है कि पुलवामा आतंकवादी हमले की घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे के कार्य पर असर नहीं पड़े। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती बम हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने 26 फरवरी को आतंकवाद-रोधी कार्रवाई शुरू करते हुए बालाकोट में अभियान चलाया था। अगले दिन पाकिस्तान वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई की और हवाई हमले में एक मिग-21 विमान को मार गिराया और भारत के एक पायलट को भी अपने कब्जे में ले लिया, जिन्हें बाद में एक मार्च को भारत के सुपुर्द कर दिया गया।

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यहां भारतीय दूतावास में इस संबंध में ज्ञापन सौंपने के लिये अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से आये प्रमुख सिख-अमेरिकी नागरिकों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में एकत्रित हुआ था। कैलिफोर्निया स्थित यूनाइटेड सिख मिशन के बैनर तले प्रतिनिधिमंडल ने करीब छह सांसदों से मुलाकात की। इन सांसदों में दो सीनेटर और कांग्रेस सदस्य ग्रेग पेंस शामिल थे। ग्रेग पेंस अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के बड़े भाई हैं। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे अनुरोध किया कि क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने में अमेरिका अपनी भूमिका निभाये।

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प्रतिनिधिमंडल में इंडियाना से ‘सिख्सपीएसी’, ओरेगॉन से ‘गदर मेमोरियल फाउंडेशन’, वर्जीनिया से ‘सिख सेवा’, इलिनोइस से ‘सिख रिलीजियस सोसाइटी’, न्यूजर्सी से ‘लेट्स शेयर ए मील’ समेत कई सिख संगठन और विभिन्न गुरुद्वारों से आये कई लोग शामिल थे। ‘यूनाइटेड सिख मिशन’ के संस्थापक रशपाल सिंह ढींढसा ने अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रींगला को सौंपे ज्ञापन में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव करतारपुर गलियारे को लेकर चल रही ‘‘प्रगति में बाधक नहीं बनना चाहिए’’।

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