शहबाज शरीफ ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर चर्चा के लिए सहयोगी दलों के साथ की बैठक
सत्तारूढ़ गठबंधन के कई नेताओं ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री शहबाज के भाई नवाज शरीफ कार्यवाहक प्रधानमंत्री के बारे में अंतिम निर्णय लेंगे। कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर जारी चर्चा पर टिप्पणी करते हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह कवायद एक औपचारिकता से अधिक कुछ नहीं है, क्योंकि गठबंधन दलों के दिग्गज नेता इस संबंध में निर्णय लेंगे और उससे प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नकदी की कमी से जूझ रहे देश में आम चुनावों से पहले एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर चर्चा करने के उद्देश्य से सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक की है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार में शनिवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख एवं विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और जमीयत उलेमा इस्लाम-फज़्ल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान तथा गठबंधन के अन्य नेता शुक्रवार को हुई बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने कार्यवाहक सरकार की संरचना और नौ अगस्त को नेशनल असेंबली भंग किये जाने पर सहयोगी दलों को विश्वास में लिया। चर्चा के बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के सूत्रों ने बताया कि सहयोगी दलों के प्रमुखों ने शहबाज की करीब 15 महीने की सरकार की सराहना की और उसके नेतृत्व पर संतोष जाहिर किया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने और इस शीर्ष पद से उनके अपदस्थ होने के बाद शहबाज शरीफ (71) पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री बने थे। खान की पार्टी ने 2018 के आम चुनाव में जीत हासिल की थी। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन के नेतृत्व ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए विभिन्न नामों पर चर्चा की और भविष्य की कार्रवाई के बारे में सुझाव दिये। सत्तारूढ़ गठबंधन, कार्यवाहक सरकार की संरचना के सिलसिले में कई बैठकें करने के बाद भी अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा है। शहबाज ने बृहस्पतिवार रात सहयोगी दलों के नेताओं से औपचारिक रूप से कहा था कि वह नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग करने की राष्ट्रपति से सिफारिश करेंगे। संविधान के अनुसार, सिफारिश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही नेशनल असेंबली भंग हो जाएगी।यह कदम 90 दिनों के अंदर पाकिस्तान में आम चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए जिन नेताओं के नाम पर चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी, बलूचिस्तान से निर्दलीय सांसद असलम भूटानी, पूर्व वित्त मंत्री हफीज शेख और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव फवाद हसन फवाद शामिल हैं। शुरूआत में मौजूदा वित्त मंत्री इसहाक डार का नाम कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए सामने आया था, लेकिन पीपीपी ने इस पर आपत्ति जताई थी। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि डार अब भी इस दौड़ में शामिल हैं या नहीं, क्योंकि प्रधानमंत्री शहबाज ने उनके नाम को ना तो खारिज किया है और ना ही आपत्ति जताई है। खबर के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन के कई नेताओं ने यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री शहबाज के भाई नवाज शरीफ कार्यवाहक प्रधानमंत्री के बारे में अंतिम निर्णय लेंगे। कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर जारी चर्चा पर टिप्पणी करते हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह कवायद एक औपचारिकता से अधिक कुछ नहीं है, क्योंकि गठबंधन दलों के दिग्गज नेता इस संबंध में निर्णय लेंगे और उससे प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।
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