Tawang को चीन के कब्जे से बचाया! कौन हैं मेजर खातिंग? जिनका म्यूजियम ड्रैगन को दिलाता रहेगा भारत के पराक्रम की याद
सेना अधिकारी से नौकरशाह बने मेजर रालेंगनाओ 'बॉब' खतिंग को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग की अपनी यात्रा के दौरान किया।
भारत चीन की सीमा यानी एलएसी से दो बड़ी खबरें आई। चीन के सैनिक लौट गए जबकि दूसरी तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के बॉर्डर का दौरा करते नजर आए। राजनाथ सिंह ने तवांग में साथ दीवाली मनाया। दीवाली से पहले फुस्स हुआ चीन का अतिक्रमण वाला पटाखा। भारत चीन बॉर्डर पर चाइनीज सेना का पैकअप हो गया है। देपसांग और डेमचाक में चाइनीज सेना की वापसी पूरी हो गयी है। भारतीय सैनिक जल्द ही उस इलाके में पेट्रोलिग के लिए ग्राउंड कमांडर लेवल पर बातचीत जारी रहेगी।
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सेना अधिकारी से नौकरशाह बने मेजर रालेंगनाओ 'बॉब' खतिंग को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग की अपनी यात्रा के दौरान किया। सिंह ने सीमावर्ती जिले में भारत के पहले गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब है। मेजर खतिंग ने 1951 में तवांग तक एक अभियान का नेतृत्व किया था। उनकी वीरता के कारण तवांग भारत का हिस्सा बना। मेजर खतिंग का संग्रहालय लगातार चीन को भारत के उस साहस की याद दिलाएगा जिसने तवांग को उससे छीन लिया।
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गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक इलाकों में चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बताया गया है कि चीन की आर्मी एलएसी के पास अपने मिलिट्री बंकर, टेंट और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर चुके हैं। डिसइंगजमेंट के बाद अगला चरण पेट्रोलिंग का होगा। जिसकी शुरुआत जल्द ही किए जाने का दावा किया गया। इसमें बड़ी खबर यह है कि भारत ने दिवाली से पहले चीन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।
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