सात्विक-चिराग की जोड़ी क्वार्टरफाइनल में, त्रिसा . गायत्री विश्व चैम्पियनशिप से बाहर

Satwiksairaj Rankireddy and Chirag Shetty
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ब्रेक तक भारतीय जोड़ी 11-8 से आगे थी जिसके बाद इंडोनेशियाई जोड़ी ने सात्विक की सर्विस गलती का फायदा उठाकर 16-13 से बढ़त बना ली। दोनों जोड़ियां एक समय 18-18 की बराबरी पर थीं लेकिन इंडोनेशियाई खिलाड़ियों ने रैली बढ़ाना शुरु किया और इस गेम को जीतकर वापसी की। निर्णायक गेम में दोनों जोड़ी 4-4 से बराबरी पर थीं लेकिन अगले नौ में से सात अंक हासिल कर सात्विक-चिराग ने ब्रेक तक पांच अंक की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद इंडोनेशियाई जोड़ी ने काफी गलतियां की और भारतीयों ने 12 मैच प्वाइंट हासिल किये और एक शानदार क्रॉस कोर्ट रिटर्न से मैच जीत लिया।

भारत के सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी बृहस्पतिवार को यहां पुरुष युगल के क्वार्टरफाइनल में पहुंचकर विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के एक और पदक से महज एक कदम दूर है। सात्विक-चिराग की जोड़ी ने इंडोनेशिया के लियो रॉली कारनांडो और डेनियल मार्थिन पर तीन गेम में जीत हासिल की। दुनिया की दूसरे नंबर की इस जोड़ी ने पिछली विश्व चैम्पियनशिप में पहला कांस्य पदक जीता था। सात्विक-चिराग ने राउंड 16 मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 10वीं रैंकिंग पर काबिज इंडोनेशियाई जोड़ी को एक घंटे से ज्यादा समय में 21-15 19-21 21-9 से पराजित किया। राष्ट्रमंडल खेलों की इस चैम्पियन जोड़ी का सामना अगले दौर में डेनमार्क के किम अस्ट्रूप और एंडर्स स्कारूप रासमुसेन की 11वीं वरीय जोड़ी तथा ओंग यियू सिन और टियो ई यि की सातवीं वरीय मलेशियाई जोड़ी के बीच मुकाबले के विजेता से होगा।

इससे पहले भारतीय जोड़ी त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद महिला युगल क्वार्टर फाइनल में कड़े मुकाबले में चीन की चेन किंग चेन और जिया यि फान से हारकर बाहर हो गई। दुनिया की 19वें नंबर की भारतीय जोड़ी पिछले दो सत्र में आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंची थी लेकिन अपने से मजबूत प्रतिद्वंद्वी का सामना नहीं कर सकी। उन्हें 42 मिनट के भीतर चीनी जोड़ी ने 21 . 14, 21 . 9 से हराया। दोनों जोड़ियों के बीच यह दूसरा ही मुकाबला था। पिछले साल जर्मन ओपन में भी दुनिया की नंबर वन चीनी जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को हराया था। चेन और जिया विश्व चैम्पियनशिप में तीन बार स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और उनके नाम तीन बीडब्ल्यूएफ खिताब भी हैं। राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता भारतीय जोड़ी को पहले दौर में बाय मिला था। उन्होंने सकारात्मक शुरूआत करके 5 . 2 से बढत बना ली और कुछ अच्छी रेलियां भी लगाई।

उनकी अनुभवी विरोधी टीम ने लगातार चार अंक लेकर स्कोर 6 . 6 कर दिया। ब्रेक तक चीनी जोड़ी ने 11 . 7 की बढत बना ली। त्रिसा ने कुछ अच्छे ड्रॉप शॉट खेलकर स्कोर 10 . 14 किया लेकिन इसके बाद चीनी जोड़ी ने वापसी कर मौका नहीं दिया। दूसरे गेम में भी जिया ने जबर्दस्त खेल दिखाते हुए भारतीय टीम को दबाव में रखा। चीनी जोड़ी ने लगातार बढत बनाये रखी और दूसरे गेम के साथ मुकाबला जीता। सात्विक-चिराग ने धीमी शुरुआत के बाद आक्रामक खेल दिखाया। पहले गेम में ब्रेक तक भारतीय जोड़ी तीन अंक की बढ़त बनाये थी। इंडोनेशियाई जोड़ी ने वापसी करने की कोशिश कर दो अंक जुटाये लेकिन भारतीय जोड़ी के मजबूत डिफेंस को नहीं तोड़ सकी जिन्होंने 15-10 की बढ़त हासिल कर ली। सात्विक-चिराग ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बनाये रखा और एक तेज बैकहैंड शॉट से छह गेम प्वाइंट हासिल किये। इंडोनेशियाई जोड़ी एक अंक बचाने के बाद गेम गंवा बैठी। दूसरे गेम में चिराग ने ‘मेडिकल टाइमआउट’ लिया।

ब्रेक तक भारतीय जोड़ी 11-8 से आगे थी जिसके बाद इंडोनेशियाई जोड़ी ने सात्विक की सर्विस गलती का फायदा उठाकर 16-13 से बढ़त बना ली। दोनों जोड़ियां एक समय 18-18 की बराबरी पर थीं लेकिन इंडोनेशियाई खिलाड़ियों ने रैली बढ़ाना शुरु किया और इस गेम को जीतकर वापसी की। निर्णायक गेम में दोनों जोड़ी 4-4 से बराबरी पर थीं लेकिन अगले नौ में से सात अंक हासिल कर सात्विक-चिराग ने ब्रेक तक पांच अंक की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद इंडोनेशियाई जोड़ी ने काफी गलतियां की और भारतीयों ने 12 मैच प्वाइंट हासिल किये और एक शानदार क्रॉस कोर्ट रिटर्न से मैच जीत लिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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