Prabhasakshi Exclusive: Israel-Hamas War के शोर के बीच Russia-Ukraine युद्ध का ताजा अपडेट जानिये
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन की सबसे महत्वपूर्ण चिंता यह है कि सर्दियां आने वाली हैं और जैसे-जैसे सर्दियाँ करीब आती हैं, उसमें मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा सर्दियों में हमलों से बाधित होने वाली विद्युत आपूर्ति और भी तगड़ी चुनौती पैदा करती है।
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध की ताजा स्थिति क्या है? हमने यह भी जानना चाहा कि क्या इजराइल-हमास संघर्ष के शोर में रूस-यूक्रेन युद्ध से हो रही बर्बादी से दुनिया का ध्यान हट गया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि रूस ने जो हालिया बड़ा हमला किया है उससे यूक्रेन की कमर पूरी तरह टूट गयी है। अब तक यूक्रेन पश्चिमी और नाटो देशों से मिल रही मदद के बल पर रूस के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए था लेकिन इजराइल-हमास संघर्ष ने नाटो का विभाजन करा दिया और पश्चिमी देशों का पूरा ध्यान इजराइल की मदद पर है इसलिए यूक्रेन को अकेला पड़ा देश रूस कोई मौका नहीं चूक रहा है। रूस धड़ाधड़ हमले कर रहा है क्योंकि उसे दिख रहा है कि जब गाजा में लोगों की स्थिति सुधारने के लिए दुनिया कुछ नहीं कर पा रही है तो यूक्रेन में कोई क्या करेगा। उन्होंने कहा कि ले देकर अमेरिका बस रूस के खिलाफ प्रतिबंध बढ़ाने पर लगा हुआ है। इस क्रम में उसने रूस तक आपूर्ति की पहुंच रोकने के लिए 130 विदेशी कंपनियों और लोगों पर प्रतिबंध लगाया है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस युद्ध को 618 दिन हो चुके हैं और यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि यह युद्ध और खिंचेगा। उन्होंने कहा कि कोई हार मानने को तैयार नहीं है और दोनों तरफ थकान भी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में रूस ने एक ही दिन में 100 से अधिक बस्तियों पर बमबारी करके अपने हमले तेज कर दिए हैं, जो इस साल देखी गई आक्रामकता का उच्चतम स्तर है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, रूस ने यूक्रेन पर लगभग 20 मिसाइलें दागीं और कीव ने उनमें से 18 को सफलतापूर्वक रोक दिया जिससे लगता है कि संघर्ष थमने वाला नहीं है।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यूक्रेन की सबसे महत्वपूर्ण चिंता यह है कि सर्दियां आने वाली हैं और जैसे-जैसे सर्दियाँ करीब आती हैं, उसमें मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा सर्दियों में हमलों से बाधित होने वाली विद्युत आपूर्ति और भी तगड़ी चुनौती पैदा करती है। यूक्रेन युद्ध में यह दूसरी सर्दियां होंगी जब लोग मुश्किलों का सामना करने को मजबूर होंगे। हालांकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की हार नहीं मान रहे हैं और जोर दे रहे हैं कि इस युद्ध में यूक्रेन असाधारण उपलब्धियां हासिल करके रहेगा। उनका कहना है कि जब युद्ध शुरू हुआ था तब दुनिया में लोगों ने नहीं सोचा था कि यूक्रेन इतना संघर्ष कर पायेगा। जेलेंस्की का कहना है कि दुनिया अब हमारे सैनिकों की ताकत का लोहा मान रही है और एक दिन आयेगा जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इस बात का अहसास होगा। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की का यह भी मानना है कि काले सागर की लड़ाई में यूक्रेन की सफलता कुछ ऐसी है जो इतिहास की किताबों में दर्ज होगी।
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