खालिस्तानियों पर काल बनकर टूटेगा अमेरिका? राजनाथ सिंह ने बिना लाग-लपेट ट्रंप की इंटेलिजेंस चीफ को अच्छे से समझा दिया

एनएसए अजीत डोभाल और इंटेल प्रमुखों के साथ अपनी बैठक पर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि यहां मेरी जो बैठकें हुई हैं, वे इस आधार पर (अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के संयुक्त दृष्टिकोण) स्थापित हुई हैं कि हम किस प्रकार अपने संबंधों को एकीकृत और सुदृढ़ बना सकते हैं, न केवल खुफिया क्षेत्र में बल्कि वाणिज्य, व्यापार और रक्षा के क्षेत्र में भी... मैं अमेरिका-भारत साझेदारी में अवसर के अलावा कुछ नहीं देखती हूं।
अमेरिकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की बैठक के दौरान भारत ने अमेरिका में खालिस्तानी संगठन एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) द्वारा की जा रही भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया। भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की और अमेरिकी प्रशासन से इस गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि चाहे विश्व के विभिन्न भागों में युद्ध क्षेत्रों में सेवा करना हो या वर्तमान में हमारे सामने आने वाली चुनौतियां हों, यह भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को भगवद् गीता में दी गई शिक्षाएं ही हैं, जिनका मैं अपने सबसे अच्छे और सबसे बुरे समय में सहारा लेती हूं।
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एनएसए अजीत डोभाल और इंटेल प्रमुखों के साथ अपनी बैठक पर अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि यहां मेरी जो बैठकें हुई हैं, वे इस आधार पर (अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के संयुक्त दृष्टिकोण) स्थापित हुई हैं कि हम किस प्रकार अपने संबंधों को एकीकृत और सुदृढ़ बना सकते हैं, न केवल खुफिया क्षेत्र में बल्कि वाणिज्य, व्यापार और रक्षा के क्षेत्र में भी... मैं अमेरिका-भारत साझेदारी में अवसर के अलावा कुछ नहीं देखती हूं।
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राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भारतीय सरकारी अधिकारियों से सुना है कि यहां हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की अधिक संभावनाएं देखने का अवसर है। जब हम टैरिफ को देखते हैं तो मुझे यह देखकर खुशी हुई कि वे इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं, न कि केवल नकारात्मक दृष्टिकोण से।
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