चीन के BRI से मुकाबले के लिए क्वाड देशों ने बनाई ये योजना, PM मोदी ने SCO की बैठक में रखी मॉडल की रूपरेखा

Quad
अभिनय आकाश । Sep 18 2021 7:50PM

प्रधानमंत्री ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन को उदार, सहिष्णु, समावेशी संस्थानों और इस्लाम से जुड़ी परंपराओं के बीच मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। ऐसी परियोजनाओं को परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी होने की जरूरत है और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए।

पीएम मोदी अगले हफ्ते अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। 23 सितंबर को मोदी और बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी और 24 सितंबर को वॉशिंगटन में क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। क्वाड नेताओं की उपस्थिति में होने वाली इस बैठक में मुक्त और समावेशी हिन्द प्रशांत, अफगानिस्तान संकट सहित विश्व की समसामयिक चुनौतियों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र के एक उच्च स्तरीय खंड को भी संबोधित करने का कार्यक्रम है। 

इसे भी पढ़ें: कोरोना के बाद अब वित्तीय महामारी से विश्व होगा दो-चार? चीन से हो गई इसकी शुरुआत

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के लिए एक नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ (एयूकेयूएस) की घोषणा की है, ताकि वे अपने साझा हितों की रक्षा कर सकें और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने समेत रक्षा क्षमताओं को बेहतर तरीके से साझा कर सकें। ये फैसला चीन के चलते लिया गया है। जिस तरह से चीन साउथ चाइना सी में पड़ोसी देशों को परेशान कर रहा है। उसके चलते सभी इंडो-पैसेफिक के देश परेशान हैं। यह डील से क्वाड की रक्षा में वृद्धि करेगा। चीन सभी द्वीपों पर छोटे-छोटे मिलिट्री बेस बना रहा है। यही कारण है कि हर दूसरे दिन ताइवान के एयरस्पेस में चीन के युद्ध विमान घुस जाते हैं। तनाव का आलम ये रहा कि ताइवान को अपने विमानों की लैंडिग अपने हाइवे पर कराकर चीन को अपनी तैयारी दिखानी पड़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे ऑस्ट्रेलिया को उस क्षेत्र में चीन के सैन्य आधुनिकीकरण की भरपाई करने का एक फायदा मिलेगा।

इसे भी पढ़ें: जयशंकर से सहमति जताते हुए चीन ने कहा, चीन-भारत संबंधों के अपने ‘तर्क’ हैं

मार्च के महीने में हुए वर्चुअल समिट में चारों देशों ने अपना ध्यान टीकों, उभरती हुई तकनीक और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित किया था। अधिकारियों का कहना है कि भारत का जैविक ई इंडो-पैसिफिक देशों के लिए 2022 की शुरुआत से जॉनसन एंड जॉनसन के सिंगल-शॉट वैक्सीन का उत्पादन शुरू करने की राह पर है। महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के दृष्टिकोण में सामंजस्य स्थापित करने के कदम पर बहुत अधिक प्रगति की सूचना नहीं है। उनके विकास में सहयोग करने के साथ-साथ उनके साझाकरण में विश्वसनीय भागीदार होने के उद्देश्य से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का विचार है। लेकिन बुनियादी ढांचे में सहयोग के लिए क्वाड एंड का मंत्र बीआरआई के सत्तारूढ़ सिद्धांतों से बहुत अलग है। ये SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी द्वारा व्यक्त किए गए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन को उदार, सहिष्णु, समावेशी संस्थानों और इस्लाम से जुड़ी परंपराओं के बीच मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। ऐसी परियोजनाओं को परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी होने की जरूरत है और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए।

कभी चीन ने इसका उपहास किया था

वर्ष 2017 में क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया) की पहली बैठक के समय चीन ने इसका उपहास किया था। लेकिन अब एक साल के अंदर ही चीन के लिए क्वाड चिंता का विषय बन गया है। मार्च, 2021 में जब क्वाड के शीर्ष नेताओं की पहली बैठक हुई तो चीन ने निष्कर्ष निकाला कि अगले एक साल में चीनी महत्वाकांक्षाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही संगठन होगा। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़