Uttar Pradesh By-election में बीजेपी ने कांग्रेस सपा के खिलाफ आईपीएस अफरोज को बनाया चुनावी मुद्दा

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अजय कुमार । Nov 16 2024 3:21PM

हिमाचल सरकार द्वारा इल्मा अफरोज का बीजेपी साथ दे रही है या सियासी फायदा उठा रही है यह तो वह ही जाने लेकिन कांग्रेस और खासकर समाजवादी पार्टी के लिये अफरोज प्रकरण गले की हड्डी बन गया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुंदरकी (मुरादाबाद )निवासी और हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस इल्मा अफरोज को हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा लंबी छुट्टी भेजने के मुद्दे को बीजेपी यूपी के उप चुनाव में सियासी हथियार बनाती नजर आ रही है। भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस और सपा को कटघरे में खड़ा कर विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। इस वक्त कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव चल रहा है। 20 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में भाजपा को सपा और कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है। आईपीएस इल्मा अफरोज प्रकरण मीडिया में छाया तो भाजपा ने भी इसे मुद्दा बनाने में देर नहीं की। सबसे पहले कुंदरकी से भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर सपा और कांग्रेस को घेरते हुए टिप्पणी की तो इसके बाद बीजेपी नेताओं द्वारा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर हमला बोलने का सिलसिला ही शुरू हो गया.

                  

इल्मा अफरोज ने यूपीएससी-2018 में ऑल इंडिया रैंक 217 हासिल की। अगस्त 2018 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुईं थीं। उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित किया गया था। हिमाचल प्रदेश के बद्दी की एसपी इल्मा अफ़रोज़ हिमाचल के दून विधान सभा के दबंग कांग्रेस विधायक के विरोध के चलते रातों अपना सरकारी बंग्ला ख़ाली कर लंबी छुट्टी पर अपने घर मुरादाबाद के कुंदरकी आ गयी हैं। सूत्रों के मुताबिक एसपी इल्मा अफरोज ने 04 अगस्त को जब कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी की पत्नी कुलदीप कौर उर्फ निधि के खनन के डंपर और पोलेन मशीन को पुलिस ने पकड़ा और 75 हजार का जुर्माना लगाया तो विधायक की पत्नी ने एसपी को राजनीतिक दबाव में लेने की कोशिश की और जब पुलिस ने उनके डंपर और पोकलेन को नहीं छोड़ा। एसपी के तौर पर इल्मा का काम इतना शानदार था कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सम्मानित किया. लेकिन फिर अचानक इल्मा अफ़रोज़ को उसी सुक्खू सरकार ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया है, केवल इसलिए कि इल्मा अफ़रोज़ ने सत्ता के सामने घुटने नहीं टेके। इल्मा अफरोज को हिमाचल प्रदेश में “लेडी सिंघम” के नाम से जाना जाता है और अगस्त 2024 से ही इस लेडी सिंघम का टकराव सरकारी गुंडों से शुरू हो गया। आईपीएस इल्मा 450 गरीब बच्चो को शिक्षा देने का काम करती थी। इसके साथ ही इल्मा अफरोज जब अपने घर के लिए रवाना हुई थी। तो उसी दिन उन्होंने गरीब बच्चों को अपनी जेब से किताबें बांटी और वह बहुत भावुक हुई।

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हिमाचल सरकार द्वारा इल्मा अफरोज का बीजेपी साथ दे रही है या सियासी फायदा उठा रही है यह तो वह ही जाने लेकिन कांग्रेस और खासकर समाजवादी पार्टी के लिये अफरोज प्रकरण गले की हड्डी बन गया है। भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह के बाद इस मुद्दे पर अब यूपी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे अध्यक्ष कुंवर बासित अली भी कांग्रेस को घेर रहे हैं कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार अपनी एसपी को सुरक्षा नहीं दे पा रही है कांग्रेस के दबंग विधायक की गुंडई के डर से आईपीएस इल्मा अफ़रोज़ को अपने घर यूपी आना पड़ गया कांग्रेस की सरकार में ईमानदार मुस्लिम महिला अधिकारी को नौकरी नहीं करने दी जा रही है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस के नेता अब जवाब दे अखिलेश यादव क्यों नहीं राहुल गांधी से बात कर ईलमा अफ़रोज़ को हिमाचल में सुरक्षा दिला पा रहे हैं। कांग्रेस विधायक पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही एक ईमानदार अधिकारी को इंसाफ क्यों नहीं दे रहे।

बासित अली ने कहा कि इल्मा अफरोज एक ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। अचानक इल्मा अफ़रोज़ के अपने घर आने की खबर मिलने के बाद से उनके आसपास के लोग भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं यहां स्थानीय लोगों का कहना है कि इल्मा अफरोज एक ईमानदार पुलिस अधिकारी हैं और उनका व्यवहार बहुत अच्छा है वह गरीबों की बहुत मदद करती हैं.वहीं, मुरादाबाद से सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस मामले में राहुल गांधी को दखल देने की मांग उठाई है।

      

बहरहाल, हिमाचल प्रदेश के बद्दी में विवाद के बाद अपने घर कुंदरकी लौटीं इल्मा अफरोज से मिलने उनके रिश्तेदार, करीबी और परिचित भी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। आईपीएस इल्मा भी अपनी मां के साथ कुछ रिश्तेदारों से मिलने उनके घर पहुंचीं। इल्मा अफरोज ने बताया कि वह 21 नवंबर तक छुट्टी पर हैं।

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