Prabhasakshi Exclusive: Russia-Ukraine में अब होगा आर-पार, US Fighter Jet F-16 के युद्ध में आते ही Putin चला सकते हैं अपना ब्रह्मास्त्र!

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा यूक्रेनी सेना ने जिस तरह थोड़ा जोश दिखाते हुए दक्षिण-पूर्वी मोर्चे पर रूसी सेना को पीछे धकेलकर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गांव को वापस अपने कब्जे में लिया है उससे रूसी सुरक्षा बलों को बड़ा धक्का लगा है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के ताजा हालात क्या हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि युद्ध फिलहाल स्थिर नजर आ रहा है और दोनों ओर से छिटपुट हमलों के अलावा कोई बड़ी खबर नहीं रही। उन्होंने कहा कि लेकिन आने वाले दिनों में दोनों देश हमलों की गति बढ़ा सकते हैं क्योंकि रिपोर्टें हैं कि नाटो देशों ने यूक्रेन को अमेरिकी युद्ध विमान एफ-16 देने की अनुमति दे दी है। इस लिहाज से यदि युद्ध में अमेरिकी युद्धक विमान की एंट्री होती है तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तगड़ा जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी पायलट इस समय एफ-16 उड़ाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं जोकि जल्द ही पूरा होने वाला है। इसलिए सभी की निगाह इस युद्ध क्षेत्र में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि पुतिन देख रहे हैं कि यदि एफ-16 युद्धक्षेत्र में आता है तो क्या जवाब यूक्रेन को देना है और क्या जवाब अमेरिका को देना है। उन्होंने कहा कि यदि रूस ने अपना ब्रह्मास्त्र चलाया तो यह जंग आर-पार की स्थिति में भी आ सकती है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा यूक्रेनी सेना ने जिस तरह थोड़ा जोश दिखाते हुए दक्षिण-पूर्वी मोर्चे पर रूसी सेना को पीछे धकेलकर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गांव को वापस अपने कब्जे में लिया है उससे रूसी सुरक्षा बलों को बड़ा धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि इस गांव का नाम यूरोजेन है जोकि अजोव सागर के नजदीक है। उन्होंने कहा कि इससे यूक्रेन को एक बार फिर समुद्र के नजदीक पहुंचने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि हालांकि रणनीतिक रूप से यह गांव महत्व रखता है इसलिए इसका वापस आना एक कामयाबी है लेकिन पूरे युद्ध क्षेत्र में देखें तो यूक्रेन रूस द्वारा कब्जाये गये इलाके को वापस पाने में विफल ही रहा है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा खारकीव में भीषण लड़ाई की सूचना मिल रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों ओर से किये जाने वाले दावों की पुष्टि के लिए कोई स्वतंत्र इकाई नहीं है इसलिए दुनिया को अभी कई सच तो पता ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन एक बात साफ तौर पर दिख रही है कि नाटो भी अब इस युद्ध से आजिज आ चुका है। उन्होंने कहा कि आप देखिये कितने समय से कोई राष्ट्राध्यक्ष अब यूक्रेन नहीं गया है या यूक्रेन के राष्ट्रपति को अपने यहां आने का न्यौता नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया अब इस युद्ध के साये से बाहर निकलना चाहती है। यही नहीं, रूस और यूक्रेन भी इस ताक में हैं कि अपना चेहरा बचाने का कोई मौका मिले तो वह भी इस युद्ध को खत्म करें।

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