यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से PM मोदी ने की बात, कहा- शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए भारत तत्पर
यूक्रेन की स्थितियों पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से कहा है कि युद्ध का रास्ता छोड़कर कूटनीति और बातचीत के जरिए समाधान निकाले जाने की जरूरत है।
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी से लगातार संघर्ष देखने को मिल रही है। दोनों देशों में युद्ध की स्थिति अब भी बरकरार है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। इसके अलावा सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा है। भारत लगातार युद्ध समाप्त कर वार्ता के जरिए समाधान की वकालत करता रहा है। इन सब के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बातचीत की है। यूक्रेन की स्थितियों पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से कहा है कि युद्ध का रास्ता छोड़कर कूटनीति और बातचीत के जरिए समाधान निकाले जाने की जरूरत है।
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पीएमओ ने बयान जारी कर कहा कि पीएम मोदी ने शत्रुता को जल्द खत्म करने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर चलने की जरूरत दोहराई है। पीएम मोदी ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है और किसी भी शांति प्रयास में योगदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत में संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व को भी दोहराया। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत यूक्रेन सहित परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और सुरक्षा को महत्व देता है।
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इसके अलावा पीएम ने इस बात को भी रेखांकित किया कि परमाणु सुविधाओं के खतरे में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए दूरगामी और विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। वहीं, भारत शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिका एवं अल्बानिया द्वारा पेश किए गए उस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा था, जिसमें रूस के ‘‘अवैध जनमत संग्रह’’ और यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निंदा की गई थी। परिषद के 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था, लेकिन रूस ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया, जिसके कारण प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
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