Hamas और Israel के बीच युद्धविराम, Lebanon के सीमावर्ती इलाकों में वापस लौट रहे लोग

Israel Hamas Conflict
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इजराइल-हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद लेबनानी चरमपंथी समूह हिजबुल्ला और इजराइली बलों के बीच कई बार संघर्ष देखा गया, जिसके कारण सीमावर्ती इलाकों से लगभग 55,500 लेबनानी नागरिक अपने घर छोड़कर चले गए। इस संघर्ष के दौरान लेबनान में भी 100 से अधिक और इजराइल में 12 लोग मारे गए।

कफर किला (लेबनान)। हमास और इजराइल के बीच चार दिवसीय युद्धविराम से दक्षिण लेबनान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी शांति बहाल होने लगी है। युद्ध के चलते जो लोग गांव में अपने घर खाली करके चले गए थे वे अब वापस लौटने लगे हैं। बंद दुकानें फिर से खुल गई हैं और सड़कों पर वाहन भी नजर आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, इजराइल-हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद लेबनानी चरमपंथी समूह हिजबुल्ला और इजराइली बलों के बीच कई बार संघर्ष देखा गया, जिसके कारण सीमावर्ती इलाकों से लगभग 55,500 लेबनानी नागरिक अपने घर छोड़कर चले गए। इस संघर्ष के दौरान लेबनान में भी 100 से अधिक और इजराइल में 12 लोग मारे गए। लेबनान में कम से कम 12 आम नागरिकों को जान गंवानी पड़ी, जिनमें तीन पत्रकार थे।

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इस चार दिवसीय युद्धविराम से लेबनान के सीमावर्ती इलाकों के लोगों को हवाई हमलों, बमबारी और गोलीबारी से अस्थायी राहत मिली है। इसको देखते हुए कुछ लोग वापस अपने क्षतिग्रस्त घरों को देखने के लिए पहुंचे और सुरक्षित बचा सामान साथ ले जा रहे हैं। वहीं, कुछ लोग यहां रहने के लिए ही लौटे हैं। हौला गांव के निवासी सेवानिवृत्त स्कूल प्रधानाचार्य अब्दुल्ला कुतीश और उनकी पत्नी सबा भी उन लोगों मे से हैं जो युद्ध के चलते अपने घर को छोड़कर चले गये थे। दंपति अपना घर छोड़कर उत्तरी क्षेत्र में अपनी बेटी के पास रहने चले गए थे। युद्धविराम के लागू होने वाले दिन शुक्रवार को वे अपने घर लौट आए, लेकिन काफी समय तक पानी नहीं दिए जाने से उन्हें अपना बगीचा पूरी तरह सूखा मिला।

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सबा ने कहा, ‘‘इस युद्ध के कारण हमने भी बहुत कुछ खोया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि हम सुरक्षित हैं। अगर हालात ऐसे ही शांत रहे तो हम अब दोबारा अपना घर छोड़कर नहीं जाएंगे।’’ हालांकि, कई लोगों का कहना है कि शांति स्थापित होने की उम्मीद कम ही है। सीमा के पश्चिमी छोर पर गांव मारवहीन के निवासी एवं कैफे के संचालक खलील घनम शनिवार को वापस लौट आए, लेकिन वह यहां रुकने के लिए नहीं, बल्कि अपने कैफे का बचा हुआ सामान वापस लेने आए थे और फिर लौट गए। घनम ने कहा, ‘‘हम कहते हैं कि ईश्वर कुछ गलत नहीं होने देगा, लेकिन अब हालात बेहद कठिन हैं और जैसा कि मैं देख रहा हूं कि ऐसे ही हालात लंबे समय तक बने रहने वाले हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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