भारत, अफगान को कमजोर करने के लिए पाक ने बनाए आतंकी समूह
अमेरिका के पूर्व राजनयिकों और अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी समूह बनाए ताकि भारत की स्थिति को कमजोर किया जा सके।
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राजनयिकों और अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी समूह बनाए ताकि भारत की स्थिति को कमजोर किया जा सके और युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हितों को बचाया जा सके। खुफिया समाचार एवं विश्लेषण के ऑनलाइन पोर्टल 'द साइफर ब्रीफ’ के मुताबिक पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत रह चुके विलियम मिलाम और ओबामा प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में दक्षिण एशिया के वरिष्ठ निदेशक रह चुके फिलिप रेनर ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई इन समूहों को लगातार सुरक्षा और सहायता दे रही है।
इस पोर्टल ने गुरुवार को ऐसे साक्षात्कार और आलेख डाले जिसमें इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के ‘‘दोहरे खेल’’ का खुलासा किया गया था। मिलान ने पोर्टल को बताया कि पाकिस्तान की ‘‘शांतिपूर्ण अफगानिस्तान में कोई दिलचस्पी नहीं है जो उसके पक्के दुश्मन भारत के प्रभाव में होगा’’ और वहां अपने हितों की रक्षा के लिए उसे छद्म रूप की सख्त जरूरत महसूस होती है। उन्होंने कहा, ''हम जानते हैं कि 1990 के दशक के मध्य में तालिबान के गठन के वक्त पाकिस्तान मौजूद था और देश को नियंत्रण में लेने की उसकी लड़ाई को पाकिस्तान ने खासा समर्थन भी दिया। हम जानते हैं कि हक्कानी नेटवर्क जो अफगान तालिबान से जुड़ा है, वह उसके लिए एक बढ़िया छद्म विकल्प बन गया है।’’
मिलाम ने कहा कि यह तर्क कि आईएसआई हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्कर ए तैयबा जैसे शत्रु समूहों का समर्थन करता है। इसे आमतौर पर पश्चिमी दुनिया के विशेषज्ञ सही मानते हैं लेकिन इसके ‘‘सबूत बेहद गोपनीय तरीके से रखे गए हैं।’’ मिलाम वर्ष 1998 से 2001 तक पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत थे।
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