Pakistan, China का सीपीईसी पर सहयोग जारी रखने पर जोर

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पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग की सह-अध्यक्षता में यहां आयोजित पाकिस्तान-चीन रणनीतिक वार्ता के चौथे संस्करण में यह प्रतिबद्धता दोहराई गई। सरकारी रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान और चीन ने सीपीईसी के उच्च गुणवत्तापूर्ण विकास को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई है।”

भारत के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना करने के अगले दिन शनिवार को पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने कई अरब डॉलर की इस बुनियादी ढांचा परियोजना पर सहयोग जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग की सह-अध्यक्षता में यहां आयोजित पाकिस्तान-चीन रणनीतिक वार्ता के चौथे संस्करण में यह प्रतिबद्धता दोहराई गई। सरकारी रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान और चीन ने सीपीईसी के उच्च गुणवत्तापूर्ण विकास को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई है।”

इससे पहले गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, “तथाकथित सीपीईसी पर मुझे लगता है कि एससीओ की बैठक में एक बार नहीं बल्कि दो बार यह स्पष्ट किया गया था कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन कनेक्टिविटी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती है।” बाद में बिलावल ने किन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस वर्ष सीपीईसी एक दशक पूरे कर रहा है, जिसने पाकिस्तान में सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर किया है।

चीन के सहयोग से बनाया जा रहा सीपीईसी 60 अरब डॉलर से बनाया जा रहा एक गलियारा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है। भारत इसका विरोध कर रहा है क्योंकि यह पीओके से गुजर रहा है और चीन को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह से अरब सागर का रास्ता उपलब्ध करा रहा है। बिलावल ने कहा, “यह गलियारा दुनियाभर के सभी निवेशकों के लिए हर तरह से फायदे वाली आर्थिक पहल है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सीपीईसी के उच्च गुणवत्तापूर्ण विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। बिलावल ने कहा कि “हम जम्मू-कश्मीर विवाद पर सैद्धांतिक स्थिति सहित हमारे सभी मुद्दों पर चीन के दृढ़ समर्थन की सराहना करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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