अब आखिरी सांस तक जेल में रहेंगे नवाज शरीफ, क्या है इसकी वजह पकिस्तान की सेना से पंगा या गुनाह
जेआईटी ने प्रधान न्यायाधीश शाकिब निसार की अध्यक्षता वाली पीठ को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने मजार की 14,398 एकड़ की जमीन दीवान गुलाम कुतुब को गैर कानूनी रूप से आवंटित कर दी।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा शुरू की गई जांच की रिपोर्ट में अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर पंजाब प्रांत में एक मजार की जमीन का गैरकानूनी आवंटन करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला 1986 का है जब शरीफ पंजाब के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि तब शरीफ ने पाकपट्टन में हजरत बाबा फरीद गंज शकर की मजार की जमीन का कथित हस्तांतरण किया था। शरीफ इस आरोप से इंकार करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने मजार की जमीन के कथित हस्तांतरण की जांच के लिए गत वर्ष संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था।
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जेआईटी ने प्रधान न्यायाधीश शाकिब निसार की अध्यक्षता वाली पीठ को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने मजार की 14,398 एकड़ की जमीन दीवान गुलाम कुतुब को गैर कानूनी रूप से आवंटित कर दी। जेआईटी ने जमीन को वापस हासिल करने और शरीफ के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की है। प्रधान न्यायाधीश ने दो सप्ताह के लिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। साथ ही उन्होंने पंजाब सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
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Nawaz illegally allotted Pakpattan shrine land, concludes JIT#NawazSharif #Pakpattanhttps://t.co/7WX6VcPWFi
— Dunya News (@DunyaNews) January 15, 2019
यह मामला साल 2015 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश नसीरुल मलिक ने शुरू किया था लेकिन मौजूदा प्रधान न्यायाधीश इस पर सुनवाई कर रहे हैं। शरीफ 2001 में सऊदी अरब में एक इस्पात मिल लगाने में भ्रष्टाचार के मामले में जेल में दस साल की सजा काट रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने जुलाई 2017 में पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।
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