नाटो ने समुद्र के नीचे बिछाई गई पाइपलाइन, तारों की सुरक्षा की कवायद तेज की

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नाटो ने नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन पर हुए हमले और रूस द्वारा यूरोप के समुद्री क्षेत्र में पश्चिमी देशों के ऊर्जा एवं इंटरनेट सेवा से जुड़े महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का मानचित्रण करने संबंधी चिंताओं के बीच यह कदम उठाया है।

ब्रसेल्स। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने समुद्र के नीचे बिछाई गई पाइपलाइन और तारों की सुरक्षा के लिए एक नया केंद्र स्थापित किया है। नाटो ने नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन पर हुए हमले और रूस द्वारा यूरोप के समुद्री क्षेत्र में पश्चिमी देशों के ऊर्जा एवं इंटरनेट सेवा से जुड़े महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का मानचित्रण करने संबंधी चिंताओं के बीच यह कदम उठाया है। नाटो देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा उत्तर-पश्चिम लंदन के नॉर्थवुड में इस नये केंद्र की स्थापना संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद केंद्र के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हैंस वर्नल वियनमन ने कहा, “खतरा लगातार बढ़ रहा है।”

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ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय में संवाददाताओं से मुखातिब वियरमन ने कहा, “रूसी जहाजों ने समुद्र के नीचे मौजूद हमारे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का सक्रिय रूप से मानचित्रण किया है। इस बात को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं कि पश्चिमी देशों में आम जनजीवन को बाधित करने की कोशिशों के तहत रूस समुद्र के नीचे बिछाई गई पाइपलाइन और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बना सकता है।”

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नाटो पिछले साल सितंबर में बाल्टिक सागर में स्थित दो गैस पाइपलाइन (नॉर्ड स्ट्रीम1 और नॉर्ड स्ट्रीम2) पर हमले के बाद हरकत में आ गया। इन दोनों पाइपलाइन का निर्माण जर्मनी में रूसी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए किया गया था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि हमले के पीछे किसका हाथ था। हमले के लिए आधिकारिक तौर पर किसी को जिम्मेदार भी नहीं ठहराया गया, लेकिन नाटो ने इसके बाद बाल्टिक सागर और नॉर्थ सी में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा दी है। उसने क्षेत्र में दर्जनों जंगी जहाजों के साथ-साथ निगरानी विमान और पानी के अंदर उड़ने वाले ड्रोन तैनात किए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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