हालिया प्रक्षेपित मिसाइल नए किस्म का ‘क्रूज रॉकेट’ थी: उत्तर कोरिया

[email protected] । Jun 9 2017 12:38PM

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने आज कहा कि उसने हाल ही में जो मिसाइल सफलतापूर्वक प्रक्षेपित की है, वह दरअसल ‘‘जमीन से समुद्र में वार कर सकने वाले क्रूज रॉकेट’’ की एक नई किस्म थी।

प्योंगयोंग। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने आज कहा कि उसने हाल ही में जो मिसाइल सफलतापूर्वक प्रक्षेपित की है, वह दरअसल ‘‘जमीन से समुद्र में वार कर सकने वाले क्रूज रॉकेट’’ की एक नई किस्म थी। आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि रॉकेट ‘‘उत्तर कोरिया पर सैन्य हमला बोलने की कोशिश कर रहे दुश्मन के युद्धक पोतों के समूह पर जमीन से वार करने में सक्षम शक्तिशाली माध्यम है।’’ 

केसीएनए ने कहा कि मिसाइलों ने ‘‘कोरिया के पूर्वी सागर में तैरते लक्ष्यों को सटीकता से पहचान लिया और उन पर निशाना साध लिया।’’ एक माह से भी कम समय में प्योंगयांग की ओर से किया गया यह पांचवां परीक्षण था जो उत्तर कोरिया पर उसके हथियार कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए बनाए जा रहे वैश्विक दबाव को दरकिनार करते हुए किया गया।

केसीएनए के मुताबिक यह परीक्षण नेता किम जोंग-उन की देखरेख में किया गया। समाचार एजेंसी पूर्वी कोरियाई सागर का जिक्र करते हुए दरअसल जापान सागर का संदर्भ दे रही थी, जहां पिछले ही सप्ताह दो अमेरिकी विमानवाहक पोतों ने नौसैन्य अभ्यास किया। यूएसएस कार्ल विनसन और यूएसएस रोनाल्ड रीगन ने तीन दिवसीय अभ्यास का नेतृत्व किया। यह अभ्यास तीन जून को संपन्न हुआ। इसमें जापान के दो पोतों के साथ अमेरिका के दर्जनभर पोतों ने हिस्सा लिया। यह अभ्यास उत्तर कोरिया को शक्ति प्रदर्शन दिखाने के लिए था। अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा दी है। अमेरिका की परमाणु पनडुब्बी यूएसएस चेयेन भी मंगलवार को दक्षिण कोरियाई पत्तन बुसान में पहुंच रही है।

दक्षिण कोरिया में नए राष्ट्रपति मून जे-इन के मई में सत्ता संभालने के बाद उत्तर कोरिया ने तीन बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों का आदेश दिया है। इनमें सतह से हवा में मार सकने वाली मिसाइल और कल के क्रूज मिसाइल परीक्षण शामिल रहे हैं। कोरिया डिफेंस फोरम के विश्लेषक शिन जोंग-वू ने कहा कि छोटी दूरी तक मारक क्षमता वाली मिसाइलें लगभग 200 किलोमीटर तक गईं। यह वर्ष 2015 के परीक्षण की तुलना में बेहतर था। तब कोरिया की सतह से पोत तक वार कर सकने वाली क्रूज मिसाइल महज 100 किलोमीटर तक गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह इस बात का एक और संकेत है कि उत्तर कोरिया ने अपनी मिसाइलों में विविधता लाने के अपने प्रयासों में काफी सफलता हासिल की है। इससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया की नौसेनाओं के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।’’

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