पड़ोसी धर्म बखूबी निभा रहा भारत, जानिए मुसीबत में फंसे अफगानियों के लिए अब तक क्या कुछ किया
तालिबानी चरमपंथियों के आतंक से बचाने के लिए भारत सरकार ने अपने लोगों को वहां से निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी बीच गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है।
नयी दिल्ली। अफगानिस्तान में अमेरिकी समर्थक अशरफ गनी सरकार के गिर जाने के बाद से हालात बदतर हैं। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। अधिकतम लोग अफगानी जमीं को छोड़ने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। भारत और अमेरिका की सरकारें भी अपने लोगों को वहां से निकालने के लिए आपातकालीन ऑपरेशन चला रहे हैं। इसी बीच हम आपको बता दें कि अफगानिस्तान के हालातों के बीच भारत ने क्या कुछ किया।
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एंट्री पर मिलेगा इलेक्ट्रॉनिक वीजा
तालिबानी चरमपंथियों के आतंक से बचाने के लिए भारत सरकार ने अपने लोगों को वहां से निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी बीच गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि गृह मंत्रालय अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की। जिसके बाद यह फैसला लिया गया कि भारत में एंट्री करने पर इलेक्ट्रॉनिक वीजा दिया जाएगा। वहीं काबुल से 120 भारतीयों को लेकर वायुसेना का विमान जामनगर में सकुशल लैंड कर चुका है।अफगानिस्तान स्पेशल सेलअफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से अफगानिस्तान स्पेशल सेल की स्थापना की। जिसके माध्यम से सरकार ने फोन नंबर और ई-मेल आईडी जारी किया है। अफगानिस्तान में फंसे भारतीय मदद के लिए नंबर: +919717785379 और ई-मेल: [email protected] का इस्तेमाल कर सकते हैं।अफगानियों को भारत ने दी शरण
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानी सांसदों को भारत ने शरण दी है और वहां से आने वाले लोगों को दिक्कतें न हो, इसके लिए जरूरी प्रक्रिया में भी ढील दी जा रही है। काबुल से दिल्ली आने वाली एक महिला ने बताया था कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि दुनिया ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया है। हमारे दोस्त मारे जा रहे हैं। वे (तालिबान) हमें मारने जा रहे हैं।
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अजित डोभाल ने अमेरिकी एनएसए से की बात
भारतीयों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जैक सुवेलियन से बात की। जिसके जरिए काबुल से भारतीयों की स्वदेश वापसी में आ रही अड़चनों पर चर्चा की। आपको बता दें कि इस बातचीत के बाद भारत सरकार के अभियान को गति मिली है। वायुसेना का एक विमान 120 भारतीयों को लेकर जामनगर में लैंड कर चुका है।आपको बता दें कि अपनी जान बचाने के लिए 300 से अधिक सिखों और हिन्दुओं ने काबुल के एक गुरुद्वारे में शरण ली है। हालांकि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत सरकार अफगानिस्तान में फंसे हिंदुओं और सिखों को बाहर निकालेगी। इसके लिए भारत सरकार का विदेश मंत्रालय अपने स्तर पर काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय सभी तरह का इंतजाम भी करेगा।इसे भी पढ़ें: अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर ने कहा- इंतजार कर रही हूं कि तालिबान मेरे जैसे लोगों के लिए आए और मुझे मार डाले
भारत ने अफगान के लिए क्या कुछ किया ?
भारत ने अफगानिस्तान में हो रही हिंसा को तत्काल प्रभाव से समाप्त कराने के लिए जरूरी पहल की। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और यूएनएससी के अध्यक्ष राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत की अध्यक्षता में करीब दस दिन बाद अफगानिस्तान के हालात पर दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई है।अन्य न्यूज़