Kazan ने खींचा दुनिया का ध्यान, 'गंगा' के तट पर बसा ये शहर भारत के लिए क्यों है खास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और मेजबान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे नेताओं के कज़ान में एकत्र होने के साथ, यह कार्यक्रम शहर की बढ़ती वैश्विक प्रमुखता पर प्रकाश डाल रहा है।
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दुनिया अपना ध्यान तातारस्तान की राजधानी कज़ान पर केंद्रित कर रही है। शहर का समृद्ध इतिहास और इसके रणनीतिक महत्व ट्रेंडिंग टॉपिक बन गए हैं। इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2009 में मॉस्को और सांस्कृतिक राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग के बाद कजान को रूस की तीसरी राजधानी का दर्जा दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और मेजबान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे नेताओं के कज़ान में एकत्र होने के साथ, यह कार्यक्रम शहर की बढ़ती वैश्विक प्रमुखता पर प्रकाश डाल रहा है। शिखर सम्मेलन को पुतिन द्वारा मॉस्को के सहयोगियों को प्रदर्शित करने के एक सफल प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
तातार लोगों की मातृभूमि
रूस की गंगा कही जाने वाली वोल्गा और कजान का गहरा रिश्ता है। 12 लाख की आबादी वाला कजान शहर तातारस्तान गणराज्य की राजधानी है, जो तातार लोगों की मातृभूमि है।
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कज़ान को क्या रणनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है?
कज़ान का स्थान और औद्योगिक कौशल इसे रूस और उसके अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों दोनों के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। पीएम मोदी के लिए उनकी कज़ान यात्रा कूटनीतिक लिहाजे से काफी अहम है। यह न केवल रूस के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि सरकार से सरकार और लोगों से लोगों के बीच के गहरे संबंधों के द्वार भी खोलता है। जुलाई 2024 में रूस की अपनी पिछली यात्रा में मोदी ने भारत की राजनयिक पहुंच में कज़ान की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कज़ान और येकातेरिनबर्ग में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की थी। कज़ान भारत के बहुत करीब है, क्योंकि इसकी 3,750 किमी की दूरी मॉस्को (4,340 किमी) या सेंट पीटर्सबर्ग (4,928 किमी) की तुलना में काफी कम है, जो इसे भारत के लिए एक आदर्श राजनयिक केंद्र बनाती है। कज़ान में वाणिज्य दूतावास कज़ान के औद्योगिक आधार का लाभ उठाते हुए, दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
भारत क्यों कजान में करना चाहता है निवेश
रूस का राज्य तातारस्तान तेल के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही की राजधानी कजान है, जहां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंचों का आयोजन होता है। भारतीय यहां आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और मशीनरी जैसे क्षेत्रों में अवसर तलाशते है। तातारस्तान में हर साल करीब 32 मिलियन टन कच्चे तेल का उत्पादन होता है। इसी क्षेत्र में भारत ने व्यापार और निवेश बढ़ाने में रुचि भी दिखाई है। कजान में ही भारत वाणिज्य दूतावास भी खेलने जा रहा है।
कितना आधुनिक है कजान
कजान शहर रूस के सबसे बड़े औद्योगिक और वित्तीय केंद्रों में से एक है। साल 2011 में इस शहर का अकेले क्षेत्रीय उत्पादन 380 बिलियन रूबल था। रूस का यहां सबसे बड़ा आईटी-पार्क भी है। यही पर Tu-214 यात्री हवाई जहाज बनता है। कजान का हेलिकॉप्टर प्लांट दुनिया के सबसे बड़े हेलीकॉप्टर निर्माताओं में से एक है। यहां Mil Mi-8 और Mil Mi-17 जैसे रूस के आधुनिक हेलीकॉप्टर बनते है।
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