कश्मीर मुद्दे पर बोले इमरान खान, इसे दो पक्ष नहीं सुलझा सकते
अमेरिका की तीन दिन की यात्रा पर आए खान ने ट्रंप के इस कदम का स्वागत किया है। ट्रंप के पसंदीदा समाचार चैनल ‘फॉक्स न्यूज’ से खान ने कहा कि द्विपक्षीय तरीके से हम कभी (कश्मीर विवाद) नहीं सुलझा सकेंगे।
वॉशिंगटन। कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश से खुश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच के इस विवादित मुद्दे को द्विपक्षीय तरीके से नहीं सुलझाया जा सकता। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप द्वारा ‘मध्यस्थ’ बनने की पेशकश किए जाने के कुछ ही घंटे बाद खान का यह बयान आया है। गौरतलब है कि दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। वहीं भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को सिरे से खारिज किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है।
अमेरिका की तीन दिन की यात्रा पर आए खान ने ट्रंप के इस कदम का स्वागत किया है। ट्रंप के पसंदीदा समाचार चैनल ‘फॉक्स न्यूज’ से खान ने कहा कि द्विपक्षीय तरीके से हम कभी (कश्मीर विवाद) नहीं सुलझा सकेंगे। ओवल ऑफिस में ट्रंप के साथ पहली मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वक्त था जब जनरल (परवेज) मुशर्रफ और भारत के प्रधानमंत्री (अटल बिहारी) वाजपेयी थे, उस वक्त हम कश्मीर मुद्दा सुलझाने के बहुत करीब आ गए थे। लेकिन उसके बाद से हम दो अलग-अलग ध्रुवों पर हैं और मुझे वाकई लगता है कि भारत को बातचीत करनी चाहिए। अमेरिका इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप वाकई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इसके बाद जब फॉक्स न्यूज के एंकर ने भारत का बयान पढ़ा कि भारत का हमेशा से यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ लंबित सभी मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाएगा, खान ने कहा कि हम इस धरती के 1.30 अरब लोगों की बात कर रहे हैं। सोचिए अगर यह मुद्दा सुलझ जाता है तो अमन का आलम क्या होगा। इस बात से सिरे से इनकार करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी भी कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता की बात कही है, भारत ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार के संबंध के लिए सीमा पार से आतंकवाद का बंद होना अनिवार्य है। शिमला समझौता और लाहौर उद्घोषणा भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने का आधार प्रदान करता है।
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खान ने ट्रंप की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति, मैं आपको बता सकता हूं कि अभी अगर आप मध्यस्थता करके इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं तो आपको अरबों लोगों की दुआएं मिलेंगी। एक अन्य सवाल के जवाब में खान ने कहा कि अगर भारत अपने परमाणु हथियार नष्ट कर दे तो पाकिस्तान भी उन्हें खत्म कर देगा। उन्होंने कहा कि हां, क्योंकि परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं है। पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु युद्ध का विचार भी खुद को बर्बाद करने वाला है क्योंकि हमारी सीमाएं ढ़ाई हजार मील तक आपस में जुड़ी हुई हैं।
खान ने कहा कि मुझे लगता है कि उपमहाद्वीप में लोगों में ऐसी भावना है कि फरवरी में कुछ घटनाएं हुई थीं और सीमा पर फिर से तनाव हुआ.... इसलिए लोगों में ऐसी भावना है और इसलिए मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा कि क्या वह इस भूमिका में आना चाहेंगे। अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है, एकमात्र ऐसा देश है जो कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता कर सकता है। खान ने कहा कि हम पिछले 70 साल से सिर्फ और सिर्फ कश्मीर के कारण सभ्य पड़ोसियों की तरह नहीं रह सके हैं।
MEA rejects US President Trump’s claim that PM Modi asked Trump to mediate on Kashmir, says “no such request has been made." pic.twitter.com/40IUb8TkFl
— ANI (@ANI) July 22, 2019
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