Israel Attack : युद्ध की हुई घोषणा, नेपाल के भी 10 नागरिकों की मौत

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अभी इन कदमों को परिभाषित नहीं किया गया है लेकिन युद्ध की घोषणा सेना तथा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को व्यापक जनादेश देती प्रतीत होती है। गाजा में बंधकों की उपस्थिति ने इजराइल की जवाबी कार्रवाई को जटिल बना दिया है।

इजराइली सरकार ने युद्ध की औपचारिक घोषणा कर दी है और हमास के अप्रत्याशित हमले का बदला लेने के लिए ‘‘अहम सैन्य कदम’’ उठाने को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ उसने गाजा पट्टी में बमबारी तेज कर दी है। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के मृतकों की संख्या 1,100 के पार चली गयी है और हजारों लोग घायल हैं। हमास के हमले के 40 घंटे से अधिक समय बाद अब भी इजराइली सेना कई स्थानों पर छिपे आतंकवादियों से लड़ रही है।

इजराइल में कम से कम 700 लोगों के मारे जाने की खबर है और गाजा में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं। इजराइल में पिछले कई दशकों में इतने ज्यादा लोगों की मौत नहीं देखी गयी। इजराइल ने कहा कि उसने दो किब्बुत्जिम बस्तियों समेत देश के चार स्थानों को हमास के लड़ाकों के नियंत्रण से छुड़ाने के लिए विशेष बल बुलाया है। एक इलाके से इजराइली पुलिस द्वारा जारी फुटेज में सुरक्षाबल एक खुले मैदान में हमास के आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान लंबी-लंबी घास के बीच घुटनों के बल बैठे दिखे। युद्ध की घोषणा ने एक बड़ी लड़ाई का संकेत दिया है और सबसे अहम सवाल यह है कि क्या इजराइल गाजा में जमीनी हमला करेगा।

इस बीच, हमास और एक छोटे ‘इस्लामिक जिहाद’ समूह ने इजराइल से 130 से अधिक लोगों को बंधक बनाने और उन्हें गाजा लाए जाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इन बंधकों की रिहाई के बदले में वह इजराइल द्वारा कैदी बनाए गए हजारों फलस्तीनियों की रिहाई की मांग करेंगे। ऐसी जानकारी है कि बंधकों में सैनिक और महिलाओं, बच्चे तथा बुजुर्गों समेत असैन्य नागरिक शामिल हैं जिनमें से ज्यादातर इजराइली हैं लेकिन कुछ लोग अन्य देशों के भी हैं। इजराइली सेना का अनुमान है कि शनिवार को किए गए हमले में हमास के 1,000 लड़ाकों ने भाग लिया। इतनी बड़ी संख्या यह दिखाती है कि गाजा पर शासन करने वाले इस आतंकवादी समूह ने किस हद तक इस हमले की योजना बनायी थी।

हमास ने कहा कि उसने इजराइल के कब्जे और गाजा की नाकाबंदी के कारण फलस्तीनियों की बढ़ती पीड़ा के जवाब में यह हमला किया है। हमास के बंदूकधारियों ने घंटों तक उत्पात मचाया, सड़कों पर लाशें बिछा दीं और एक संगीत महोत्सव में शामिल हुए लोगों पर भी कहर बरपाया। बचाव सेवा जाका ने बताया कि उसने महोत्सव से करीब 260 शव बरामद किए हैं और यह संख्या बढ़ने की आशंका है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इजराइल ने अपनी मृतक संख्या में इनमें से कितने शव शामिल किए हैं। इस हमले के जवाब में इजराइल ने अभी तक गाजा में 800 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया और बेत हानून शहर में हवाई हमलों में ज्यादातर इमारतें जमींदोज कर दी।

इजराइल के रियर एडमिरल डेनियल हेगारी ने पत्रकारों को बताया कि हमास हमलों के मंच के रूप में इस शहर का इस्तेमाल कर रहा था। अभी हताहतों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है और शहर के ज्यादातर लोगों के पहले ही भाग जाने की संभावना है। दोनों पक्ष के नागरिक इस संघर्ष की भारी कीमत अदा कर रहे हैं। इजराइली सेना ने गाजा के समीप कम से कम पांच शहरों को खाली कराया है। इजराइल के एक केंद्रीय पुलिस थाने के बाहर डीएनए नमूने देने के लिए लोगों की लंबी कतार देखी गयी ताकि उनके परिवार के लापता सदस्यों की पहचान में मदद मिल सके। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि रविवार देर रात तक इजराइली हवाई हमलों में गाजा में 159 मकान नेस्तनाबूद कर दिए गए और 1,210 अन्य मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। गाजा के विस्थापित लोगों की संख्या 1,23,000 से ज्यादा पहुंच गयी है। संयुक्त राष्ट्र की फलस्तीनी शरणार्थियों की एक एजेंसी ने कहा कि एक स्कूल को सीधा निशाना बनाया गया जिसमें 225 से अधिक लोगों ने शरण ली हुई थी। कई इजराइली मीडिया संगठनों ने बचाव सेवा के अधिकारियों के हवाले से बताया कि इजराइल में 44 सैनिकों समेत कम से कम 700 लोगों की मौत हो गयी है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 78 बच्चों और 41 महिलाओं समेत 413 लोगों की मौत हो गयी है। दोनों पक्षों के करीब दो-दो हजार लोग घायल हुए हैं। इजराइल के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने 400 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है तथा कई अन्य को बंधक बना लिया है। उत्तरी इजराइल में लेबनान के हिजबुल्ला आतंकवादी समूह के साथ गोलाबारी से इस संघर्ष के व्यापक पैमाने पर फैलने की आशंका बढ़ गयी है। हिजबुल्ला ने सीमा पर एक विवादित इलाके में रविवार को इजराइली ठिकानों पर रॉकेट दागे और बदले में इजराइल ने भी ड्रोन हमले किए।

इजराइली सेना ने बताया कि मुठभेड़ के बाद स्थिति शांत है। इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने ‘‘अहम सैन्य कदमों’’ को मंजूरी दे दी है। अभी इन कदमों को परिभाषित नहीं किया गया है लेकिन युद्ध की घोषणा सेना तथा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को व्यापक जनादेश देती प्रतीत होती है। गाजा में बंधकों की उपस्थिति ने इजराइल की जवाबी कार्रवाई को जटिल बना दिया है। इजराइल ने पहले भी बंधक नागरिकों को वापस लाने के लिए भारी आदान-प्रदान किया है। मिस्र के एक अधिकारी ने बताया कि इजराइल ने बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काहिरा से मदद मांगी है। मिस्र ने दोनों पक्षों से संभावित संघर्ष विराम के बारे में भी बात की है लेकिन इजराइल अभी ‘‘इस चरण पर’’ संघर्ष विराम के लिए तैयार नहीं है। वहीं, वेस्ट बैंक के आसपास रविवार को इजराइली सैनिकों के साथ झड़प में छह फलस्तीनी मारे गए।

 

नेपाल के 10 लोगों की मौत

फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के रॉकेट हमलों में इजराइल में नेपाल के 10 नागरिकों की मौत हो गयी तथा चार अन्य घायल हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल में हवाई हमले किए जिसमें सैनिकों समेत कम से कम 700 लोगों की मौत हो गयी और करीब 2,000 लोग घायल हुए हैं। इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास के अहम ठिकानों पर हमले किए। इजराइल और गाजा में करीब 1,000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में बताया कि इजराइल में हमास के हाल के हमले में 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गयी। उसने बताया कि किब्बुत्ज एलुमिम में एक खेत में काम कर रहे नेपाल के 17 नागरिकों में से दो को सुरक्षित बचा लिया गया, चार घायल हो गए तथा एक अभी लापता है। यरुशलम में नेपाल दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उस घटनास्थल से 10 नेपाली नागरिकों की मौत की सूचना मिली है जहां हमास ने हमला किया था।’’ दूतावास ने कहा, ‘‘हम घटना में मारे गए लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। एक लापता नेपाली नागरिक की तलाश करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शिनाख्त होने के बाद शव जल्द ही नेपाल लाए जाएंगे।’’ नेपाल सरकार ने इजराइली सरकार से अनुरोध किया है कि जिन घायलों का इलाज हो रहा है, उनके लिए आवश्यक बंदोबस्त किए जाए। मंत्रालय ने कहा कि वह स्वदेश लौटने के इच्छुक अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए इजराइली सरकार और तेल अवीव में दूतावास के संपर्क में है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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