क्या ब्रिटेन भारत को कोहिनूर वापस लौटाने वाला है? ग्रीस के साथ हुए 'पार्थेनन साझेदारी' से जगी उम्मीद
ब्रिटिश संग्रहालय के उप निदेशक ने ग्रीस के साथ एक "पार्थेनन साझेदारी" का प्रस्ताव रखा है जिसने 200 से अधिक वर्षों के बाद एथेंस में पत्थरों की वापसी की उम्मीद जगा दी है।
ब्रिटेन के चर्चित कॉमेडियन रसेल हावर्ड ने एक बार कहा था कि "The british museum is great for seeing how excellent we were at stealing things" यानी ब्रिटिश संग्रहालय इस बात का सबसे शानदार उदाहरण है कि हम चीजें चुराने में कितने माहिर थे। ब्रिटिश म्यूजियम की जो ऐसी कलाकृतियां से भरा पड़ा है जिसे दूसरे देशों से या तो चुरा लिया गया था या गलत तरीके से लिया गया था। लेकिन यूनाइटेड किंगडम ने लगभग 200 वर्षों के बाद ग्रीस के एल्गिन मार्बल्स की वापसी का प्रस्ताव दिया है। ब्रिटिश संग्रहालय के उप निदेशक ने ग्रीस के साथ एक "पार्थेनन साझेदारी" का प्रस्ताव रखा है जिसने 200 से अधिक वर्षों के बाद एथेंस में पत्थरों की वापसी की उम्मीद जगा दी है। इस प्रक्रिया के बाद ब्रिटेन से उन भारतीय कलाकृतियों की वापसी की पहल करने की भी उम्मीद की जाने लगी है जिन्हें औपनिवेशिक काल के दौरान भारत से अपने साथ ले गए थे।
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एल्गिन पत्थर पांचवीं शताब्दी से ग्रीक संस्कृति का एक सबसे बड़ा उदाहरण है। संडे टाइम्स कल्चर पत्रिका के साथ एक साक्षात्कार में जोनाथन विलियम्स ने कहा कि ब्रिटिश संग्रहालय मार्बल्स को लेकर चले आ रहे विवाद को खत्म करना चाहता है। विलियम्स ने कहा कि ग्रीस में हमारे दोस्तों और सहयोगियों के साथ 'पार्थेनन साझेदारी' के तहत ये कदम उठाया जाएगा। मेरा दृढ़ विश्वास है कि वास्तव में गतिशील और सकारात्मक बातचीत के साथ एक साथ काम करने के नए तरीके मिल सकते हैं। 19वीं शताब्दी में ऑटोमन एम्पायर के ब्रिटिश अबेंसडर लार्ड एल्ग्रीनिन के द्वारा ब्रिटेन लाया गया था। तब से ही ये विवाद का एक बड़ा केंद्र रहा। ये पत्थर ब्रिटिश म्युजियम में प्रदर्शित किए जाते रहे। लेकिन हालिया वर्षों में ग्रीक की सरकार की तरफ से उसकी वापसी की मांग जोर पकड़ने लगी। जिसके बाद ब्रिटिश म्युजियम के डिप्टी डायरेक्टर विलियम्स के बयान से इसमें एक नया आयाम खुलने वाला है। ब्रिटिश म्युजियम की तरफ से ग्रीक को एल्गिन पत्थर दिए जाने की बात कहे जाने के बाद अब बाकी कलाकृतियों की भी क्या वतन वापसी हो पाएगी?
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भारत से चुराए गए और अब ब्रिटेन में रखे गए साज-ओ-सामान की सूची बहुत लंबी है। इन कलाकृतियों में सबसे चर्चित नाम कोहिनूर हीरे का है। दुनिया में हर चीज की एक कीमत होती है कोहिनूर एक ऐसी चीज है जिसकी आज तक कोई कीमत लगा नहीं पाया। इस पर भारत के अलावा, पाकिस्तान और ईरान भी दावा करते रहे हैं। साल 2016 में भारत सरकार ने फिर से ब्रिटिश सरकार से कोहिनूर समेत सारी कलाकृतियां लौटाने का आग्रह किया था। इसके जवाब में ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने लिखा, "ब्रिटिश म्यूजियम एक्ट 1963 के तहत राष्ट्रीय संग्रहालयों से चीजें हटाना वर्जित है। लेकिन ग्रीस के साथ हालिया समझौते के बाद कोहिनूर के भारत लौटने की थोड़ी सी ही सही लेकिन आस तो जरूर जगी है। वैसे भी हम आजादी के 75वें साल में भी इतिहास उसी दहलीज पर खड़ा है कि कब कोहिनूर वापस भारत में लौटेगा।
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