Pakistan पर भारत का खौफनाक प्लान, 293 Km/hr की रफ्तार से 'उड़ता टैंक' होश उड़ा देगा
राजस्थान की सीमा के पास पाकिस्तान की तरफ से टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों के हमले का खतरा बना रहता है। अपाचे हेलीकॉप्टर ऐसे किसी भी हमले से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। अपाचे हेलीकॉप्टर को आसमान में उड़ता हुआ टैंक भी कहा जाता है।
अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर हेलीकॉप्टर है जिसे उड़ता हुआ टैंक भी कहा जाता है। इंडियन आर्मी को मिलने वाले अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी भारत के दुश्मन नं 1 के खिलाफ होगा। भारतीय सेना अपाचे फाइटर हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात करेगी। ताकी पड़ोसी सीमा पर किसी भी प्रकार की हिमाकत करने से पहले सौ बार सोचे। भारतीय सेना को कुल 6 अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने हैं। लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हिंडन वायु सेना स्टेशन पर उतरने की उम्मीद है और फिर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास जोधपुर में तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये हाई-एंड हेलिकॉप्टर अमेरिका में विनिर्माण इकाइयों के अधीन हैं और इस साल मई तक जोधपुर पहुंचेंगे।
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राजस्थान की सीमा के पास पाकिस्तान की तरफ से टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों के हमले का खतरा बना रहता है। अपाचे हेलीकॉप्टर ऐसे किसी भी हमले से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। अपाचे हेलीकॉप्टर को आसमान में उड़ता हुआ टैंक भी कहा जाता है। एक टैंक जिस तरह से दूसरे टैंक को बर्बाद करता है ठीक उसी तरह अपाचे हेलीकॉप्टर भी दुश्मन के टैंकों को बर्बाद कर देता है। अपाचे में तीस मिलीमीटर की एक चेन गन होती है जिसका नियंत्रण पायलट के हेलमेट में होता है।
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आर्मी एविएशन कोर वर्तमान में ध्रुव और चेतक जैसे उपयोगिता हेलीकॉप्टरों का संचालन करती है। उसने पिछले साल असम के मिसामारी में स्वदेशी रूप से विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड का निर्माण किया था। डेटा नेटवर्किंग के माध्यम से हथियार प्रणालियों तक युद्धक्षेत्र की तस्वीर प्रसारित करने और प्राप्त करने की इन हेलीकॉप्टरों की क्षमता इसे एक घातक अधिग्रहण के रूप में वर्गीकृत करती है। भारतीय वायुसेना पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों का एक बेड़ा संचालित करती है जिन्हें पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर तैनात किया गया है। पहले स्क्वाडन को पठानकोट के पास तैनात किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला स्क्वाड्रन आज एविएशन कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय सूरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बनाया गया।
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