India-Israel आमने-सामने, अजरबैजान ने निकाला LORA, अब प्रलय लाने की तैयारी में आर्मेनिया

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jul 18 2024 5:51PM

भारत की प्रलय मिसाइल हासिल करने में आर्मेनिया की कथित दिलचस्पी भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात के बाद प्रलय निर्यात अनुबंध संभवतः मिसाइल निर्यातक के रूप में डीआरडीओ की छवि को मजबूत करेगा।

अर्मेनिया और अजरबैजान दुनिया के नक्शे में दो छोटे से देश हैं। मगर इसमें एक तरफ से एक ईसाई देश आर्मीनिया है तो उसके ठीक सामने खड़ा है एक इस्लामिक मुल्क अजरबैजान। ये वो ठिकाना है जहां यूरोप और एशिया मिलते हैं। दोनों की सेनाओं के बीच अक्सर संघर्ष होता रहता है। इस बीच खबर है कि अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ इजरायल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज की ओर से विकसित लॉन्ग रेंज आर्टिलरी यानी LORA मिसाइल तैनात कर दिया है। अजरबैजान के इस कदम ने आर्मेनिया को परेशान कर दिया है। अब आर्मेनिया की नजर भारत की प्रलय मिसाइल पर है। भारत की प्रलय मिसाइल हासिल करने में आर्मेनिया की कथित दिलचस्पी भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात के बाद प्रलय निर्यात अनुबंध संभवतः मिसाइल निर्यातक के रूप में डीआरडीओ की छवि को मजबूत करेगा। 

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डीआरडीओ ने दशकों के निरंतर प्रयास के माध्यम से सभी प्रकार की मिसाइलों को विकसित करने की क्षमता हासिल कर ली है, और अब इस कड़ी मेहनत से हासिल की गई क्षमता का लाभ उठाने का समय आ गया है। यह देखते हुए कि प्रलय मिसाइल में स्वदेशी सामग्री का प्रतिशत फिलीपींस को निर्यात किए गए ब्रह्मोस संस्करण में स्वदेशी सामग्री के प्रतिशत से बहुत अधिक होगा, भारत की प्रति मिसाइल कमाई बहुत अधिक होगी। आर्मेनिया इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित LORA (लॉन्ग रेंज आर्टिलरी) बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीद के माध्यम से अजरबैजान द्वारा हासिल की गई क्षमता का मुकाबला करने के लिए प्रलय का अधिग्रहण करना चाहता है।

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 LORA एक थिएटर अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 400 किलोमीटर है और टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए जीपीएस और टीवी के संयोजन का उपयोग करते समय 10 मीटर की सीईपी (सर्कुलर एरर प्रोबेबिलिटी) होती है। प्रलय एक मोबाइल कनस्तर-आधारित सतह से सतह पर मार करने वाली एसआरबीएम (छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल) है जिसकी मारक क्षमता 150-500 किमी है। इसे डीआरडीओ की बीएमडी प्रणाली की पृथ्वी एडी मिसाइल से विकसित किया गया था। मिसाइल जड़त्वीय मार्गदर्शन का उपयोग करके अपने लक्ष्य तक पहुंचती है। इसे पूरी उड़ान के दौरान नियंत्रित किया जा सकता है। 

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प्रलय में टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी (डीएसएमएसी-डिजिटल दृश्य-मिलान क्षेत्र सहसंबंध) साधक की सुविधा है। यह मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित फ्यूज्ड सिलिका रडार डोम (रेडोम) से सुसज्जित है। प्रलय में टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए एक रेडियो फ्रीक्वेंसी साधक की सुविधा है। इस मिसाइल में स्वदेशी रूप से विकसित फ्यूज्ड सिलिका रडार डोम लगा है।

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