होंडुरास ने Taiwan के साथ रिश्ते समाप्त करने के बाद China के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए
होंडुरास के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘होंडुरास गणराज्य की सरकार दुनिया में केवल एक चीन के अस्तित्व को मान्यता देती है और चीन सरकार एकमात्र वैध सरकार है जो पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करती है।’’
होंडुरास ने ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद होंडुरास के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। ताइवान को अब वेटिकन सिटी समेत केवल 13 संप्रभु देश मान्यता देते हैं। चीन के सरकारी मीडिया ‘सीसीटीवी’ ने होंडुरास के साथ संबंधों को लेकर यह घोषणा की। इससे पहले होंडुरास और ताइवान सरकारों ने अलग-अलग घोषणा की कि वे संबंधों को समाप्त कर रहे हैं। होंडुरास के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘होंडुरास गणराज्य की सरकार दुनिया में केवल एक चीन के अस्तित्व को मान्यता देती है और चीन सरकार एकमात्र वैध सरकार है जो पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करती है।’’
उसने कहा, ‘‘ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है और होंडुरास सरकार ने राजनयिक संबंधों को समाप्त करने के बारे में ताइवान को सूचित किया है। उसने ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या संपर्क स्थापित नहीं करने का संकल्प लिया।’’ ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने रविवार को बताया कि ताइवान ने ‘‘अपनी संप्रभुता एवं गरिमा की रक्षा’’ के लिए होंडुरास के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर लिया है। ताइवान के राष्ट्रपति के कार्यालय की प्रवक्ता ओलिविया लिन ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध 80 साल से अधिक समय तक रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘चीन लंबे समय से ताइवान के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थान को कमतर करता आया है और वह एकतरफा रूप से क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता को खतरे में डालता है।’’ होंडुरास के साथ संबंधों को लेकर यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब स्वशासित ताइवान को लेकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख समेत कई मामलों पर चीन एवं अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है।
इस कदम के बाद ताइवान को संप्रभु देश मानने वाले देशों की संख्या कम होकर केवल 13 रह गई है। साई इंग वेन के मई 2016 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ताइपे ने अपना नौवां राजनयिक सहयोगी गंवाया है। चीन की सत्तारूढ़ सरकार का दावा है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार का कहना है कि यह पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है।
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