गाजा के सहायता कार्यकर्ता को आतंकवाद के मामले में 12 साल कैद की सजा सुनाई

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इजराइल की अदालत ने मंगलवार को गाजा में कार्यरतअंतरराष्ट्रीय धर्मार्थ संगठन क्रिश्चियन चैरिटी वर्ल्ड विजन के निदेशक मोहम्मद एल हलाबीको 12 साल कैद की सजा सुनाई। इससे पहले अदालत ने उन्हें आतंकवाद का दोषी करार दिया था जबकि स्वतंत्र जांच के मुताबिक उनके गलत कार्य में संलिप्त होने के कोई सबूत नहीं है।

बीरशेबा, 31 अगस्त (एपी)। इजराइल की अदालत ने मंगलवार को गाजा में कार्यरतअंतरराष्ट्रीय धर्मार्थ संगठन क्रिश्चियन चैरिटी वर्ल्ड विजन के निदेशक मोहम्मद एल हलाबीको 12 साल कैद की सजा सुनाई। इससे पहले अदालत ने उन्हें आतंकवाद का दोषी करार दिया था जबकि स्वतंत्र जांच के मुताबिक उनके गलत कार्य में संलिप्त होने के कोई सबूत नहीं है। हलाबी को वर्ष 2016 में गिरफ्तार किया गया था और उन पर इस्लामिक चरमपंथी संगठन हमास को लाखों डॉलर देने का आरोप है, जो इलाके पर शासन करता है।

हलाबी के खिलाफ चली सुनवाई और लंबे समय से उनको हिरासत में रखने से इजराइल और फलस्तीन में मानवीय सहायता कार्य करने वाले संगठन के बीच तनाव पैदा हो गया था और इस सजा से इसमें इजाफे की आशंका है। हलाबी के वकील महेर हन्ना ने कहा, ‘‘यह समझ से परे है। पूरी प्रकिया अन्यापूर्ण थी।’’ हलाबी और वर्ल्ड विजन ने इन आरोपों से इनकार किया था और वर्ष 2017 में की गई स्वतंत्र जांच के मुताबिक हमास को मदद पहुंचाने का कोई सबूत नहीं मिला था।

वर्ल्ड विजन ने इस फैसले पर कहा, ‘‘गिरफ्तारी, छह साल तक चले मुकदमें और इस अन्यायपूर्ण निर्णय से गाजा और वेस्ट बैंक में मानवीय सहायता बाधित होगी। इससे वर्ल्ड विजन और अन्य सहायता या विकास समूहों द्वारा फलस्तीन को मदद पहुंचाने केकार्य पर नकारात्मक असर पड़ेगा।’’ इजराइल के विदेश मंत्रालय ने इस सजा की पुष्टि की है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इजराइल ‘‘किसी भी मानवीय सहायता कोष’’ के आतंकवादी गतिविधि के लिए हस्तांतरण को रोकने का कार्य जारी रखेगा।’’

इजराइल ने इसके साथ ही कहा कि वह वर्ल्ड विजन सहित सभी सहायता समूहों के साथ सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि जून में इजराइल के दक्षिण शहर बीरशेबा की जिला अदालत ने कहा था कि हलाबी आतंकवादी संगठन की सदस्यता, आतंकवादी समूह को सूचना मुहैया कराने, आतंकवादी प्रशिक्षण और हथियार रखने सहित कई मामलों में दोषी पाए गए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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