तालिबान के खिलाफ लड़ाई में पंजशीर के प्रवक्ता फहीम दश्ती सहित अहमद मसूद के कई करीबियों की मौत
तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद के प्रवक्ता फहीम दश्ती रविवार को पंजशीर में तालिबान के साथ लड़ाई के दौरान मारे गए। नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान के फेसबुक पेज ने भी एक बयान दिया है, जिसमें कहा गया है, 'गहरे स्पर्श और खेद के साथ, हमने आज दो प्यारे भाइयों खो दिया।
तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद के प्रवक्ता फहीम दश्ती रविवार को पंजशीर में तालिबान के साथ लड़ाई के दौरान मारे गए। इस खबर को लेकर नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान के फेसबुक पेज ने भी एक बयान दिया है, जिसमें कहा गया है, "गहरे स्पर्श और खेद के साथ, हमने आज दो प्यारे भाइयों, सहयोगियों को खो दिया। अमीर साहब अहमद मसूद के कार्यालय के प्रमुख फहीम दश्ती, और फासीवादी समूह के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय नायक के भतीजे जनरल साहब अब्दुल वदूद ज़ोर को तालिबान के खिलाफ युद्ध में शहादत मिली। अफगान पत्रकार फ्रूड बेजान ने भी ट्वीट कर जानकारी दी कि पंजशीर में फहीम दश्ती मारा गया है।
पिछले महीने, इंडिया टुडे से बात करते हुए, फहीम दश्ती ने कहा था कि पंजशीर में प्रतिरोध बल तालिबान के खिलाफ न केवल प्रांत के लिए बल्कि अफगानिस्तान के लिए भी लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम सिर्फ एक प्रांत के लिए नहीं बल्कि पूरे अफगानिस्तान के लिए लड़ रहे हैं। हम अफगानों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में चिंतित हैं। तालिबान को समानता और अधिकारों का आश्वासन देना होगा।"
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उन्होंने यह भी कहा था कि वे विभिन्न देशों के संपर्क में हैं और बाकी दुनिया से उनकी उम्मीद तालिबान से बात करने और उन्हें बातचीत की मेज पर लाने की है। इस बीच, पंजशीर में प्रतिरोध बलों के नेता अहमद मसूद ने रविवार को कहा कि अगर तालिबान क्षेत्र से अपनी सेना वापस लेता है तो वह शांति वार्ता के लिए तैयार है।
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अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने रविवार को काबुल से और काबुल के लिए कुछ घरेलू यात्री उड़ानें शुरू कर दीं। इसके साथ ही उन्होंने अब तक अपने कब्जे से दूर पंजशीर प्रांत पर हमला तेज कर दिया है। अफगानिस्तान की राजधानी के उत्तर में स्थित छोटे से प्रांत पंजशीर में तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं जिन्होंने लड़ाई की वजह से विस्थापित हुए हजारों लोगों के लिए मानवीय सहायता की अपील की। तालिबान के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने रविवार को ट्वीट किया कि पंजशीर के आठ जिलों में से एक रोखा जिले पर तालिबान का नियंत्रण है। पंजशीर के लड़ाकों से तालिबान के कई प्रतिनिधिमंडलों ने बात की है जो विफल रही है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद सालेह पंजशीर पहुंच गए थे जिसके बारे में कहा जाता है कि उसे कोई जीत नहीं सकता।
Fahim Dashti, spokesman of National Resistance Front of #Afghanistan, has been killed in Panjshir
— Frud Bezhan فرود بيژن (@FrudBezhan) September 5, 2021
Three other key figures of the anti-Taliban group in Panjshir, last pocket of resistance to Taliban, have been killed tonight during clashes with the militants
Major blow.
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