India-Myanmar-Thailand त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना को फिर से शुरू करने की कोशिश : जयशंकर

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जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक में भाग लेने और बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल)के विदेश मंत्रियों की सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं।

बैंकॉक। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि म्यांमा की स्थिति के कारण भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है। जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक में भाग लेने और बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल)के विदेश मंत्रियों की सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं। जयशंकर ने यहां बैंकॉक पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी (संपर्क) के बारे में बात की।

जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमारे सामने असल चुनौती, जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह यह है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं। हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरने वाली यह परियोजना है, यदि हम म्यांमा से गुजरने वाली एक सड़क बनाते हैं और वह सड़क थाईलैंड की ओर से बनाई जाने वाली सड़क से जुड़ती है।’’ उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क से माल की आवाजाही, लोगों की आवाजाही में भारी बदलाव आएगा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन, यह बहुत कठिन परियोजना रही है। मुख्य रूप से म्यांमा की स्थिति के कारण यह एक बहुत ही कठिन परियोजना रही है।

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यह आज हमारी प्राथमिकताओं में से एक है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए, इसे कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण किया जा चुका है।’’ गौरतलब है कि भारत, थाईलैंड और म्यांमा लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, कारोबार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा। भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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