बलूचों के सुसाइड अटैक से बौखलाया ड्रैगन, पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी, चुकानी होगी कीमत
अपने नागरिकों पर हुए हमले से बौखलाया ड्रैगन पाकिस्तान को चेतावनी देने में लगा है। उसने कहा है कि चीन के लोगों का खून व्यर्थ नहीं बहाया जा सकता है। इसके साथ ही चीन की तरफ से कहा गया है कि घटना के जिम्मेदार लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
पाकिस्तान में कराची यूनिवर्सिटी के बाहर हुए धमाके में 4 लोगों की मौत हो गई। जिसमें तीन चीनी नागरिक भी शामिल है। बताया जा रहा है कि ये आत्मघाती हमला था। बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। शेरी बलोच नामक महिला ने इस घटना को अंजाम दिया। बलोच ने पाकिस्तानी सेना के हमलों में अपने रिश्तेदारों को खो दिया था। ये आत्मघाती हमला बताता है कि विद्रोही पाकिस्तान में आजादी के लिए किस हद तक जा सकते हैं।
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चीन ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
इस बार बलूच विद्रोही ने कराची में घुसकर हमला किया है। इस घटना में चीनी नागरिकों के मारे जाने से चीन में भी हड़कंप मच गया है। पूरी घटना पर चीन का बयान भी सामने आया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने इस आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है। चीन ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान इस घटना की तुरंत जांच करें और हमलावरों पर कड़ी से कड़ी सजा दे। चीन ने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे चीनी नागरिकों, संस्थाओं और परियोजना के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। चीन ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में बोल दिया है कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।
चीन के लोगों का खून व्यर्थ नहीं बहाया जा सकता
अपने नागरिकों पर हुए हमले से बौखलाया ड्रैगन पाकिस्तान को चेतावनी देने में लगा है। उसने कहा है कि चीन के लोगों का खून व्यर्थ नहीं बहाया जा सकता है। इसके साथ ही चीन की तरफ से कहा गया है कि घटना के जिम्मेदार लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवादी हमले का मूल कारण पाकिस्तान में आतंकवाद और धार्मिक उग्रवाद के विकास का नहीं रूकना है। जिस माहौल में आतंकवाद पनपता रहा है वो हमेशा से पाकिस्तान में मौजूद है।
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चीनी लोगों और कंपनियों पर हमले बढ़े
बलूच विद्रोहियों के हमले से चीन और पाकिस्तान दोनों डरे हुए हैं। बलूच विद्रोहियों ने 2018 में भी चीनी काउंसलेट पर हमला किया था। उसके बाद अगस्त 2021 में हुआ था कोट के पास एक आत्मघाती हमला हुआ जिसमें एक चीनी नागरिक घायल हो गया था। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार पिछले साल अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी ने दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति को प्रभावित किया है। पिछले साल से पाकिस्तान में हमले बढ़े हैं और चीनी लोगों और कंपनियों को निशाना बनाने वाले हमले भी बढ़े हैं।
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