रूसी तेल खरीद पर जयशंकर की यूरोपीय देशों को दो टूक, अपने नागरिकों के लिए सबसे अच्छा सौदा पाना हमारा नैतिक कर्तव्य

एस जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए सबसे अच्छा सौदा सुनिश्चित करना उनका नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल पर अपनी स्थिति के बारे में बहुत ईमानदार और खुली है।
यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत की आलोचना पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस कदम को सही ठहराते हुए बयान दिया है। एस जयशंकर ने बैंकॉक में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान कहा कि हर देश उच्च उर्जा कीमतों को कम करने के लिए सबसे अच्छा सौदा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा और भारत भी यही कर रहा है। एस जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए सबसे अच्छा सौदा सुनिश्चित करना उनका नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल पर अपनी स्थिति के बारे में बहुत ईमानदार और खुली है और दुनिया को इस वास्तविकता को स्वीकार करने की जरूरत है।
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यूक्रेन में युद्ध के बीच मास्को से आपूर्ति बंद करने के लिए भारत पर अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच यह बात दोहराई गई है। जयशंकर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "यूरोप मध्य पूर्व और अन्य स्रोतों से बहुत अधिक खरीद रहा है जिन्होंने भारत की आपूर्ति की होगी। आज यही स्थिति है जहां प्रत्येक देश अपने नागरिकों के लिए सर्वोत्तम संभव सौदा पाने के लिए स्वाभाविक रूप से प्रयास करेगा और उच्च ऊर्जा कीमतों के प्रभाव को कम करने का प्रयास करेगा। ठीक यही हम कर रहे हैं।"
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जयशंकर ने आगे कहा, "मेरे पास 2000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय वाला देश है। ये वे लोग नहीं हैं जो ऊर्जा की ऊंची कीमतें वहन कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करना मेरा दायित्व और नैतिक कर्तव्य है कि मैं उन्हें सबसे अच्छा सौदा दिलाऊं जो मैं कर सकता हूं।"उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित देश भारत की स्थिति को जानते हैं और "उसके साथ आगे बढ़ेंगे।
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