विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन को दो टूक, सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करने से हमारे संबंधों पर पड़ेगा असर

भारत-चीन मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने अपना रुख कायम रखा है कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है तो इससे हमारे संबंधों पर असर पड़ेगा। हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं, ये सामान्य नहीं हो सकते क्योंकि सीमा की स्थिति सामान्य नहीं है।
नयी दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर गतिरोध बना हुआ है। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच 16 राउंड की सैन्य-कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है। इसी बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है तो इससे हमारे संबंधों पर असर पड़ेगा।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बड़ी समस्या सीमा की स्थिति है, हमारी सेना जमीन पर टिकी हुई है। हमने उन जगहों से पीछे हटने में पर्याप्त प्रगति की है जहां हम बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपना रुख कायम रखा है कि अगर चीन सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग करता है तो इससे हमारे संबंधों पर असर पड़ेगा। हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं, ये सामान्य नहीं हो सकते क्योंकि सीमा की स्थिति सामान्य नहीं है।
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LAC पर तैनात हैं 50-60 हजार सैनिक
पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हुआ था। इसके बाद दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी। हालांकि, सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट और गोगरा क्षेत्र से सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी की। लेकिन एलएसी पर भारत-चीन के अब भी 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।
Bengaluru | We have maintained our position that if China disturbs the peace and tranquillity in border areas, it will impact our relations. Our relationship is not normal, it cannot be normal as the border situation is not normal: EAM S Jaishankar on the India-China issue pic.twitter.com/iD1ncFS7Xi
— ANI (@ANI) August 12, 2022
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