चीन के परमाणु शस्त्रागार और परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा : एसआईपीआरआई
सआईपीआरआई ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का विस्तार कर रहे हैं और दोनों देशों ने 2022 में नये प्रकार के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम प्रणालियों को पेश किया और विकसित करना जारी रखा।
अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत और पाकिस्तान सहित परमाणु हथियार सम्पन्न नौ देश अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण जारी रखे हुए हैं। यह दावा स्वीडन के प्रमुख थिंक-टैंक एसआईपीआरआई ने सोमवार को किया। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि परमाणु हथियार सम्पन्न कई देशों ने 2022 में नयेपरमाणु अस्त्र या परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम प्रणालियां तैनात कीं। एसआईपीआरआई के अनुमान के मुताबिक, चीन के परमाणु शस्त्रागार का आकार जनवरी 2022 में बढ़ गया, क्योंकि उसके परमाणु हथियारों की संख्या 350 से बढ़कर जनवरी 2023 में 410 हो गई और रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें बढ़ोतरी जारी रहने की आशंका है। इसमें कहा गया है, ‘‘चीन के पास दशक के अंत तक संभावित रूप से कम से कम उतनी ही अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) हो सकती हैं, जितनी अमेरिका या रूस के पास हैं।
यह इस पर निर्भर करेगा कि चीन अपने रक्षा बलों को किस तरह से आकार देता है।’’ एसआईपीआरआई ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का विस्तार कर रहे हैं और दोनों देशों ने 2022 में नये प्रकार के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम प्रणालियों को पेश किया और विकसित करना जारी रखा। एसआईपीआरआई के ‘वेपन्स ऑफ मास डेस्ट्रक्शन प्रोग्राम’ के एसोसिएट सीनियर फेलो और फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) में परमाणु सूचना परियोजना के निदेशक हंस एम क्रिस्टेंसन ने कहा, ‘‘चीन ने अपने परमाणु शस्त्रागार का महत्वपूर्ण विस्तार शुरू कर दिया है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पाकिस्तान भारत के परमाणु प्रतिरोध का मुख्य केंद्र बना हुआ है, वहीं भारत लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हथियारों पर जोर देता दिख रहा है, जिसमें चीन में लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम हथियार भी शामिल हैं।
एसआईपीआरआई ने कहा, ‘‘नौ परमाणु हथियार सम्पन्न देश - अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इज़राइल - अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करना जारी रखे हुए हैं और 2022 में कई ने नये परमाणु अस्त्र या परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम प्रणालियां तैनात कीं।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जनवरी 2023 में अनुमानित 12,512 हथियारों की कुल वैश्विक सूची में से, लगभग 9,576 संभावित उपयोग के लिए सैन्य भंडार में थे, जो जनवरी 2022 की तुलना में 86 अधिक हैं।’’ एसआईपीआरआई ने कहा, ‘‘उनमें से, अनुमानित 3,844 हथियार मिसाइल और विमानों के साथ तैनात किए गए थे और लगभग 2,000 (जिनमें से लगभग सभी रूस या अमेरिका के थे) को उच्च परिचालन चेतावनी की स्थिति में रखा गया था, जिसका अर्थ है कि उन्हें मिसाइल पर लगाकर रखा गया था या उन्हें उन एयरबेस पर रखा गया है, जहां परमाणु बमवर्षक तैनात किये गए हैं।’’ इसमें कहा गया है कि सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा रूस और अमेरिका के पास है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके संबंधित परमाणु शस्त्रागार का आकार 2022 में अपेक्षाकृत स्थिर रहा, हालांकि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर दोनों देशों में परमाणु बलों के संबंध में पारदर्शिता में गिरावट आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘प्रयोग करने योग्य परमाणु हथियारों के अलावा, रूस और अमेरिका में से प्रत्येक के पास सैन्य सेवा से पहले हटाये गए 1,000 से अधिक हथियार हैं, जिन्हें वे धीरे-धीरे नष्ट कर रहे हैं।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद परमाणु हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण कूटनीति को बड़ा झटका लगा है। एसआईपीआरआई के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा, ‘‘हम मानव इतिहास के सबसे खतरनाक दौर में से एक की ओर बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि दुनिया की सरकारें भू-राजनीतिक तनाव को शांत करने, हथियारों की दौड़ को धीमा करने और पर्यावरण के क्षरण और बढ़ती वैश्विक भूख के परिणामों से निपटने के लिए सहयोग करने के तरीके तलाशें।
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