Bangladesh में PLA की तैनाती करेगा चीन, भारतीय सेना से बढ़ेगा टकराव?

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अभिनय आकाश । Apr 27 2024 12:13PM

चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि ट्रेनिंग का उद्देश्य चीन और बांग्लादेश के बीच आपसी समझ, दोस्ती को मजबूत करना और दोनों पक्षों के बीच व्यवारिक आदान प्रदान और सहयोग को बढ़ाना है। वु कियान ने बताया कि ये ट्रेनिंग संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा और आतंकवादी विरोधी अभियानों के संदर्भ में हो रही है।

खबर है कि चीन अपनी सेना की एक टुकड़ी भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में तैनात करने वाला है। चीन के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता वू कुयान ने इसकी जानकारी दी है। कियान ने बताया है कि बांग्लादेश के साथ एक संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक टुकड़ी को मई की शुरुआत में बांग्लादेश में तैनात किया जाएगा। चीन और बांग्लादेश के सेनाओं के बीच ये पहली ज्वाइंट मिलिट्री ट्रेनिंग है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया है कि ट्रेनिंग का उद्देश्य चीन और बांग्लादेश के बीच आपसी समझ, दोस्ती को मजबूत करना और दोनों पक्षों के बीच व्यवारिक आदान प्रदान और सहयोग को बढ़ाना है। वु कियान ने बताया कि ये ट्रेनिंग संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा और आतंकवादी विरोधी अभियानों के संदर्भ में हो रही है। 

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वू ने कहा कि यह पहली बार है कि चीनी और बांग्लादेश की सेनाएं संयुक्त प्रशिक्षण आयोजित करेंगी जिससे आपसी समझ और दोस्ती बढ़ेगी और व्यावहारिक आदान-प्रदान और सहयोग गहरा होगा। चीन बांग्लादेश में विभिन्न परियोजनाओं में 25 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पाकिस्तान के बाद सबसे अधिक है, ने ढाका के साथ रक्षा संबंधों को भी लगातार बढ़ाया है और लड़ाकू टैंकों, नौसैनिक फ्रिगेट, मिसाइल नौकाओं के अलावा लड़ाकू विमानों सहित कई सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की है। चीन इससे पहले बांग्लादेश की नौसेना को भी दो पनडुब्बियां मुहैया करा चुका है।

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ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने कॉक्स बाजार में चीन द्वारा निर्मित 1.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का पनडुब्बी बेस खोला था, जो पनडुब्बियों और युद्धपोतों को सुरक्षित जेटी सुविधाएं प्रदान करेगा। यह बेस एक समय में छह पनडुब्बियों और आठ युद्धपोतों को समायोजित कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आपात स्थिति में पनडुब्बियों की सुरक्षित और तेज आवाजाही की अनुमति देगा, क्योंकि बेस बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। 

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