चीन की दोहरी चाल, पाकिस्तानी आतंकी रऊफ अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव को रोका
अजहर साल 1999 में भारत के विमान आईसी814 के अपहरण, 2001 में संसद पर हमले और 2016 में पठानकोट में वायु सेना के अड्डे को निशाना बनाने जैसे आरोपों में शामिल रहा है। ये पहली बार नहीं है कि चीन ने अपना रंग न दिखाया हो।
चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को काली सूची में डालने में बाधा डाल दी है। अमेरिका और भारत ने अजहर को ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश किया था जिसपर अब ड्रैगन ने अपनी टांग अड़ा दी है।
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भारत के आरोपों के अनुसार, अजहर साल 1999 में भारत के विमान आईसी814 के अपहरण, 2001 में संसद पर हमले और 2016 में पठानकोट में वायु सेना के अड्डे को निशाना बनाने जैसे अपराधों में शामिल रहा है। पाकिस्तान का साथ दे रहे चीन ने अमेरिका और भारत के प्रस्ताव पर पहले भी रोक लगाई है। इससे पहले चीन ने इसी साल जून में पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को यूएनएससी की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने पर रोक लगाई थी।
बता दें कि मक्की मूंबई के 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है। भारत और अमेरिका ने मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था लेकिन चीन ने अंतिम समय पर इस पर रोक लगा दी थी।
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अगर चीन भी इस प्रस्ताव पर अपनी हां भर देता तो आतंकी रऊफ की यात्रा पर बैन वलगा जाता और पाकिस्तान को उसकी सभी सपंत्ति परर रोक लगानी पड़ जाती। इसके अलावा हथियारों की भी पहुंच बिल्कुल खत्म हो जाती।
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