चीन ने पाकिस्तान में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

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पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के मुताबिक, चश्मा में पूर्व में स्थापित चार परमाणु संयंत्रों की बिजली उत्पादन क्षमता 1330 मेगावाट है।

चीन ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पंजाब सूबे में 4.8 अरब डॉलर की लागत से 1200 मेगावाट क्षमता का एक परमाणु संयंत्र लगाने के लिए मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। चीन ने यह करार दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के संकेत के तौर पर किया है। समझौते पर हस्ताक्षर करने के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। समझौते के तहत चीन पंजाब के मियांवाली जिले के चश्मा में 1200 मेगावाट क्षमता के एक चश्मा-V परमाणु संयंत्र की स्थापना करेगा।

प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने संबोधन में परमाणु संयंत्र समझौते को चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग का प्रतीक करार दिया और संकल्प लिया कि इस परियोजना को बिना देरी के पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर काम बिना देरी के शुरू करेंगे। ’’ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ने इसके साथ ही पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार को बिजली परियोजनाओं में देरी के लिए आड़े हाथ लिया। शरीफ ने कहा कि मुश्किल आर्थिक हालात के बीच पाकिस्तान को चीन से इस परियोजना के लिए 4.8 अरब डॉलर का निवेश मिल रहा है जो संदेश देगा कि ‘‘पाकिस्तान वह स्थान है जहां पर चीनी कंपनियां और निवेशक निवेश कर रहे हैं जो उनके विश्वास और भरोसे को इंगित करता है।’’

शरीफ ने कहा कि चीनी कंपनियों ने विशेष रियायत दी है जिससे इस परियोजना में अरबों रुपये की बचत होगी। उन्होंने भरोसा जताया कि चीन और मित्र देशों की मदद से पाकिस्तान मुश्किल समय से बाहर निकल आएगा। पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के मुताबिक, चश्मा में पूर्व में स्थापित चार परमाणु संयंत्रों की बिजली उत्पादन क्षमता 1330 मेगावाट है। दो अन्य परमाणु संयंत्र भी पाकिस्तान में स्थापित हैं। कराची परमाणु संयंत्र के इन दो रिएक्टरों की क्षमता 2,290 मेगावाट है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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