China ने Taiwan-अमेरिका रक्षा और सैन्य संपर्क का विरोध किया

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चीन की यह प्रतिक्रिया उन खबरों पर आई हैं, जिनमें कहा गया है कि अमेरिकी सेना ताईवानी सैनिकों को प्रशिक्षण देने में मदद करने के लिए अपने अधिकारियों को भेज रही है और रक्षा कंपनियों के प्रतिनिधि अगले हफ्ते स्वशासित द्वीप की यात्रा करेंगे।

चीन ने अमेरिका और ताईवान के बीच जारी सहयोग के खिलाफ बुधवार को आगाह किया और कहा कि वह अपने क्षेत्र (ताईवान) में किसी भी तरह के आधिकारिक या सैन्य संपर्क का कड़ा विरोध करेगा। चीन की यह प्रतिक्रिया उन खबरों पर आई हैं, जिनमें कहा गया है कि अमेरिकी सेना ताईवानी सैनिकों को प्रशिक्षण देने में मदद करने के लिए अपने अधिकारियों को भेज रही है और रक्षा कंपनियों के प्रतिनिधि अगले हफ्ते स्वशासित द्वीप की यात्रा करेंगे।

चीन के ताईवान मामलों से जुड़े कार्यालय की प्रवक्ता झु फेंगलियान ने बीजिंग में एक साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चीन के ताईवान क्षेत्र के साथ अमेरिका के किसी भी तरह के आधिकारिक या सैन्य संपर्क का हम दृढ़ता से विरोध करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि ताईवान और चीन एक गृह युद्ध के बाद 1949 में अलग हो गये थे। ताईवान कभी भी चीन का हिस्सा नहीं रहा है लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इसे बलपूर्वक मुख्य भूमि में मिला लिया जाएगा। चीन ने इस महीने की शुरूआत में ताईवान को डराने की कोशिश के तहत इसके आसपास लड़ाकू विमान उड़ाए और समुद्र में मिसाइलें दागी थीं।

ताईवानी मीडिया ने हाल में एक खबर में कहा था कि अमेरिका ने ताईवानी सैनिकों के प्रशिक्षण में मदद करने के लिए 200 सैन्य कर्मी भेजे हैं। हालांकि, ताईवानी रक्षा मंत्रालय ने इस खबर से ना तो इनकार किया, और ना ही इसकी पुष्टि की। इस बीच, करीब 25 रक्षा कंपनियों के प्रतिनिधि अगले हफ्ते ताईवान की यात्रा करने वाले हैं। निक्की एशिया की खबर के अनुसार, हथियार निर्माता कंपनियां ताईवान में ड्रोन और गोलाबारूद के संयुक्त उत्पादन पर चर्चा करेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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