Global China Plan: पश्चिम-रूस की टक्कर में चीन ने अपने लिए मौका तलाश लिया, इको सिस्टम और एनर्जी भंडार की कीमत पर बनेगा विश्व की बड़ी ताकत
जिनपिंग ने भी रूस के साथ नए रिश्तों की बात करते हुए कहा कि चीन और रूस के रिश्ते बेहद मजबूत हो रहे हैं। रूस के साथ हर क्षेत्र में हम पार्टनरशिप के लिए काम कर रहे हैं।
दोनों ओर से दोस्ती की कसमें खाई जा रही हैं। चीन और रूस जिस तरीके से एक दूसरे के करीब आए हैं, उसकी वजह से दुनिया के दिमाग में कई सारे सवाल खड़े हो गए हैं। ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या जिनपिंग ने पश्चिम और रूस की टक्कर में चीन ने अपने लिए मौका तलाश लिया है? क्या रूस का व्यापारिक इको सिस्टम चीन के हवाले होने वाला है? क्या रूस के अथाह एनर्जी भंडार की कीमत पर चीन और बड़ी ताकत बन जाएगा। सबसे अहम सवाल कि चीन और रूस का मजबूत रिश्ता पश्चिम के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाला है? चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस यात्रा के दूसरे दिन, दोनों देश उन प्रस्तावों के एक सेट पर सहमत हुए जो उनके प्राकृतिक गैस व्यापार के साथ-साथ अन्य आर्थिक संबंधों का विस्तार करेंगे। प्रस्तावित सौदे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक जीवन रेखा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो यूक्रेन में सीमा पार पूर्ण युद्ध छेड़ने के अपने फैसले के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पश्चिम से अलग हो गए हैं।
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मॉस्को में बीजिंग का ग्रैंड वेलकम
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जिनपिंग प्लान जिसके जरिए वो अमेरिका के हर प्रतिबंधों का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ अमेरिकी कंपनियों को रूस में बैन किया गया वहीं दूसरी तरफ चीन के लिए नए राह बनाए जा रहे हैं ताकी जो भी प्रोजेक्टेड लॉस की बात की जा रही थी, उसकी भरपाई की जा सके। पुतिन ने चीन के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं और चीनी कंपनियों को अपने देश में हर सुविधा देने का ऐलान किया है। पश्चिमी कंपनियों की जगह अब चीनी कंपनियां लेंगी। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन के साथ रिश्तों की नई इबारत लिखेंगे। हालांकि पहले से ही इस बात की संभावना जाहिर की जा रही थी कि जो ये दौरा होगा इसमें वित्त और व्यापार संधि को और मजबूत करने पर फोकस होगा।
रूस का व्यापारिक इको सिस्टम चीन के हवाले होने वाला है?
मॉस्को में चर्चा के केंद्र में एक नई नियोजित पाइपलाइन है। इसे पॉवर ऑफ़ साइबेरिया 2 कहा जाता है, जो चीन को सालाना लगभग 50 बिलियन क्यूबिक मीटर रूसी गैस की आपूर्ति कर सकती है। पाइपलाइन, जो मंगोलिया से होकर गुजरेगी, वर्षों से चर्चा में है। लेकिन पिछले साल यूरोप के साथ प्राकृतिक गैस का व्यापार यूक्रेन पर आक्रमण के कारण बंद हो जाने के बाद रूस के लिए यह परियोजना और अधिक जरूरी हो गई। पुतिन ने कहा ति रूस नई पाइपलाइन के माध्यम से चीन को 100 मिलियन टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस के अलावा कम से कम 98 बिलियन क्यूबिक मीटर की आपूर्ति करेगा।
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हमारे मजबूत रिश्ते दोनों देशों के लिए फायदेमंद
जिनपिंग ने भी रूस के साथ नए रिश्तों की बात करते हुए कहा कि चीन और रूस के रिश्ते बेहद मजबूत हो रहे हैं। रूस के साथ हर क्षेत्र में हम पार्टनरशिप के लिए काम कर रहे हैं। जिनपिंग ने कहा है कि हमारे मजबूत रिश्ते दोनों देशों के लिए फायदेमंद हैं। रूस और चीन ने घोषणा में कहा है कि पार्टियां संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने एकतरफा सैन्य लाभ को सुरक्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक रणनीतिक स्थिरता को कम करने से रोकने का आह्वान करती हैं।
पुतिन-जिनपिंग की मुलाकात पर अमेरिका का क्या है कहना
व्हाइट हाउस ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग रूस और उसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन में दुनिया में अमेरिकी तथा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रभाव का मुकाबला करने की संभावना देखते हैं। व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पुतिन रूस में चीन के राष्ट्रपति की मेजबानी कर रहे हैं। किर्बी ने कहा कि मुझे लगता है कि आपने देखा होगा कि पिछले कुछ वर्षों में ये दोनों देश (चीन और रूस) करीब आ रहे हैं। मैं इसे गठबंधन नहीं कहूंगा... यह एक समझौते वाली शादी की तरह है, कम से कम मुझे तो ऐसा ही लगता है। राष्ट्रपति शी रूस और रूस के राष्ट्रपति पुतिन में महाद्वीप और दुनिया में अमेरिकी प्रभाव और नाटो के प्रभाव का सामना करने की संभावना देखते हैं।
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