हालात स्थिर बनाने को लेकर आर्मेनिया और आजरबैजान के बीच हॉटलाइन स्थापित करने का समझौता
आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान ने मंगलवार को एक ऑनलाइन समाचार सम्मेलन में कहा कि आर्मेनिया और आजरबैजान के अधिकारियों के बीच संपर्क अधिक होना चाहिए ताकि ‘‘हालात स्थिर बनाने, समाधान तलाशने और संकटों से बचने की कोशिश में मदद’’ मिल सके।
येरेवान। आर्मेनिया और आजरबैजान की सीमा पर गत सप्ताह हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के बीच एक हॉटलाइन स्थापित करने संबंधी समझौता किया गया है। आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान ने मंगलवार को एक ऑनलाइन समाचार सम्मेलन में कहा कि आर्मेनिया और आजरबैजान के अधिकारियों के बीच संपर्क अधिक होना चाहिए ताकि ‘‘हालात स्थिर बनाने, समाधान तलाशने और संकटों से बचने की कोशिश में मदद’’ मिल सके। पाशिन्यान ने कहा कि 16 नवंबर को झड़पों में आर्मेनिया के छह सैनिक मारे गए और आजरबैजान ने 32 अन्य सैनिकों को कैदी बना लिया।
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आजरबैजान ने बताया कि उसके सात सैनिक मारे गए। आर्मेनिया और आजरबैजान के बीच अलगाववादी क्षेत्र नेगार्नो-काराबाख को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है। नेगार्नो-काराबाख आजरबैजान के क्षेत्र में आता है लेकिन यह 1994 में खत्म हुए अलगाववादी युद्ध के बाद से आर्मेनिया द्वारा समर्थित जातीय आर्मेनियाई बलों के नियंत्रण में था। इस क्षेत्र में लड़ाई सितंबर 2020 में शुरू हुई और 44 दिनों के भीषण युद्ध में हजारों लोग मारे गए। इस युद्ध में आजरबैजान की सेना ने आर्मेनिया की सेना को खदेड़ दिया। रूस ने शांति समझौते पर नजर रखने के लिए कम से कम पांच वर्षों के लिए करीब 2,000 शांति रक्षकों को तैनात किया है। इस शांति समझौते का आजरबैजान में जीत के तौर पर जश्न मनाया गया लेकिन आर्मेनिया में इसे विपक्षियों द्वारा विश्वासघात के तौर पर देखा जाता है। पाशिन्यान ने आर्मेनियाई बलों के नेगार्नो-काराबाख क्षेत्र पर नियंत्रण खोने से रोकने का एकमात्र रास्ता बताते हुए इसका बचाव किया। मंगलवार को राजधानी मध्य येरेवान में करीब 2,000 विपक्षी समर्थक एकजुट हुए और उन्होंने पाशिन्यान से सीमांकन समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे सार्वजनिक करने का अनुरोध किया। पाशिन्यान और आजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव की 15 दिसंबर को यूरोपीय संघ द्वारा प्रायोजित वार्ता के लिए ब्रसेल्स में मुलाकात करने की संभावना है।
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