AUKUS व QUAD की वजह से तनाव में आए चीन की ये हरकतें किसी बड़ी साजिश का तो इशारा नहीं?
चीन के लिए ये महीना टेंशन बढ़ाने वाला रहा है। पहले तो यूएस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने औकुश नामक गठबंधन के जरिये चीन की चिंता बढ़ाने का काम किया। जिसके बाद क्वॉड नेताओं के वाशिंगटन डीसी में जमा होकर एकजुटता के साथ चीन को कड़ा संदेश दिया।
कश्मीर के एलओसी इलाके में पाकिस्तान की नापाक हरकते तो जारी रहती ही है, लेकिन उसके दोस्त चीन की खुराफात भी पूर्वी क्षेत्र में जारी है। कभी सैन्य गतिविधियों के जरिये तो कभी सैनिकों के लिए मॉड्युलर कंटेनर शेल्टर बनाकर चीन लगातार अपनी सक्रियता बनाए रखी है। चीन की ये हरकतें किसी बड़ी साजिश का इशारा हैं या फिर महज एक छलावा। ताकि लगातार विश्व स्तर पर बनते गठजोड़ और होती किरकिरी से खीझ उतारने या दिल को तसल्ली देने की तरकबी। चीन के लिए ये महीना टेंशन बढ़ाने वाला रहा है। पहले तो यूएस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने औकुश नामक गठबंधन के जरिये चीन की चिंता बढ़ाने का काम किया। जिसके बाद क्वॉड नेताओं के वाशिंगटन डीसी में जमा होकर एकजुटता के साथ चीन को कड़ा संदेश दिया। विश्न की महाशक्तियां चीन की चालाबाजियों के खिलाफ एकजुटत हो गई हैं। जिसकी वजह से चीन अपनी पुरानी सैन्य गतिविधियों के जरिये अपनी खीझ उतारने में लगा है।
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चीन भारत से पूर्वी क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है। चीन की पीएलए गलवान के पास एलएसी के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में उकसाने वाली हरकत की है। चीन की फौज के 100 से ज्यादा सैनिक बॉर्डर पार कर भारत में घुस आए और कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को तहस-नहस कर दिया। पीछे लौटने से पहले चीनी सैनिकों ने एक पुल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके अलावा कई तरह के कंट्रक्शन के कामों को भी चीन के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। हाल ही में उसने पूर्वी लद्दाख में अपने सैनिकों के ठहरने के लिए मॉड्यूलर कंटेनर पर आधारित शेल्टर का निर्माण किया है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के उस पार चीन के कम से कम 8 और फॉरवर्ड लोकेशंस पर इन मॉड्यूलर कंटेनर का निर्माण किया है। ये मॉड्यूलर कंटेनर उत्तर में काराकोरम दर्रे के पास वहाब ज़िल्गा से लेकर पियू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक बनाए गए हैं।
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लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी से सटे चीन ने कई नई एयरस्ट्रिप्स और हेलिपैड बनाए हैं। इसके अलावा उसने होटन, काशगर, गरगुंसा, ल्हासा-गोंगर और शिगेट्से जैसे अपने एयरबेसों को अपग्रेड किया है। वहां अतिरिक्त लड़ाकू विमानों को तैनात कर रखा है। इसके अलावा उसने 2 मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की भी तैनाती की है।
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चीन की इस तरह की हरकते भारत के प्रति दवाब बनाने की है, ताकि वो क्वॉड देशों में अपने रोल पर विचार करे। चीन की इस तरह ही हरकते भले ही साउथ चाइना सी में कारगर होती होंगी लेकिन भारत चीन की इन चालबाजियों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बीते साल गलवान में क्या हुआ ये सभी को पता है। इसके अलावा भी चीन अपनी चालें लगातार चल रहा है। जिसकी बानगी शंघाई के डॉकयार्ड में देखने को मिला। टाइप 003 नाम का यह यह एयरक्राफ्ट कैरियर आधुनिक कैटापोल्ट या इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम से लैस है। चीनी नौसेना के में पहले से ही स्की जंप वाले दो एयरक्राफ्ट कैरियर सक्रिय हैं। टाइप 003 क्लास के नए एयरक्राफ्ट कैरियर में दुनिया की सबसे एडवांस इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम लगा है। यह सिस्टम यूएस नेवी के नई पीढ़ी की यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड क्लास के एयरक्राफ्ट कैरियर में लगी तकनीक के जैसी है।
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