बिना मान्यता ही नए अधिकारी की नियुक्ति, मुंबई में तालिबान ने ऐसा क्या कर दिया, मच गया बवाल !

Taliban
@MoDAfghanistan2
अभिनय आकाश । Nov 13 2024 3:57PM

अफगानिस्तान की बगदाद न्यूज एजेंसी के अनुसार काफिल अब मुंबई में इस्लामिक अमीरात का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि इक्रामुद्दीन कामिल के पास अंतरराष्ट्रीय कानून में पीएचडी की डिग्री है। विदेश मंत्रालय सुरक्षा सहयोग और सीमा मामलों के विभाग में उप निदेशक काम कर चुके हैं। ये नियुक्ति तालिबान के लिए एक अहम कदम है।

अफगानिस्तान पर शासन करने वाले तालिबान ने भारत की मुंबई में अफगान महावाणिज्य दूतावास में एक नए प्रमुख की नियुक्ति की है। तालिबान की कार्यवाहक सरकार ने मुंबई में डॉक्टर इक्रामुद्दीन कामिल को कार्यवाहक वाणिज्य दूत के रूप में नियुक्त किया है। अफगानिस्तान की बगदाद न्यूज एजेंसी के अनुसार काफिल अब मुंबई में इस्लामिक अमीरात का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि इक्रामुद्दीन कामिल के पास अंतरराष्ट्रीय कानून में पीएचडी की डिग्री है। विदेश मंत्रालय  सुरक्षा सहयोग और  सीमा मामलों के विभाग में उप निदेशक काम कर चुके हैं। ये नियुक्ति तालिबान के लिए एक अहम कदम है। इससे विदेशों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की उसकी कोशिशें साफ जाहिर होती है साथ ही भारत अफगानिस्तान के बीच काउंसलर सेवाओं को फिर से शुरू करने की उम्मीद बढ़ जाती है। कामिल ने सात साल तक भारत में अध्ययन किया है। 

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यह भारत में किसी भी अफगान मिशन में तालिबान द्वारा की गई पहली ऐसी नियुक्ति है। इस नियुक्ति पर भारतीय पक्ष की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई। तालिबान नियंत्रित बख्तर समाचार एजेंसी ने बताया कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मुंबई में कार्यवाहक वाणिज्यदूत के रूप में कामिल की नियुक्ति की घोषणा की है। उसने कहा, वह फिलहाल मुंबई में हैं, जहां वह इस्लामिक अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हुए एक राजनयिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। मीडिया संस्थान ने कहा कि यह नियुक्ति भारत के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने और विदेशों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए काबुल के प्रयासों का हिस्सा है।

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तालिबान के उप विदेश मंत्री (राजनीतिक मामले) शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने भी कामिल की नियुक्ति के बारे में सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया। भारत ने अभी तक औपचारिक रूप से तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है। लेकिन दोनों पक्षों के बीच कुछ संवाद जरूर हुआ है। इसी महीने अफगान मामलों पर भारत के संयुक्त सचिव जेपी सिंह ने अफगान रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब से मुलाकात की थी। ये कदम तालिबान के साथ भारत के संवाद की दिशा में एक सकारात्मक संकेत हो सकता है। 

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