चीन की सबसे बड़ी नदी सूखी तो अंदर से निकली 600 साल पुरानी भगवान बुद्ध की प्रतिमा
तीन मूर्तियाँ, जिनमें से सबसे बड़ी कमल के मंच पर बैठे एक भिक्षु को दर्शाती है, दक्षिणी शहर चोंगकिंग के पास सामने आई। कहा जा रहा है कि ये मिंग और किंग राजवंशों के समय में बनाई गई होंगी।
तापमान में होते इजाफे और छह दशकों में चीन की सबसे शुष्क गर्मी के बीच यांग्त्ज़ी नदी का जल स्तर गिर गया है। जिससे चीन के दक्षिण पश्चिमी शहर चोंगकिंग में एक जलमग्न द्वीप और एक प्राचीन ज्ञान परंपरा का ऐतिहासिक प्रमाण बौद्ध मूर्तियों का खुलासा हुआ है। जिसे लगभग 600 साल पहले का माना जा रहा है। तीन मूर्तियाँ, जिनमें से सबसे बड़ी कमल के मंच पर बैठे एक भिक्षु को दर्शाती है, दक्षिणी शहर चोंगकिंग के पास सामने आई। रॉयटर्स समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार को एक प्रमुख रॉक आउटक्रॉप में उकेरा गया है, जो फोयलियांग द्वीप रीफ के ऊपर स्थित है।
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कहा जा रहा है कि ये मिंग और किंग राजवंशों के समय में बनाई गई होंगी। यांग्त्ज़ी, एशिया की सबसे लंबी और दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी, 1865 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से वर्ष के इस समय के लिए अपने सबसे निचले स्तर पर बताई गई है। कुछ आवश्यक शिपिंग मार्गों को बंद करते हुए पूरे खंड और दर्जनों सहायक नदियाँ पूरी तरह सूख गई हैं। 400 मिलियन से अधिक चीनी लोगों के लिए पीने के पानी का स्रोत यांग्त्ज़ी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख चालक है।
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इनमें से एक मूर्ती पर बुद्ध कमल पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। चीन के दक्षिणी क्षेत्रों में चल रही हीटवेव और साथ में सूखे ने देश की दो सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों के जल स्तर को बेहद कम कर दिया है। सबसे बड़ी झील पोयांग में पानी कथित तौर पर 75 प्रतिशत नीचे है, जो 1951 के बाद का सबसे निचला स्तर है। चान के राज्य के स्वामित्व वाले ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के अनुसार, चोंगकिंग नगर पालिका में 34 काउंटियों में कम से कम 66 नदियाँ सूख गई हैं।
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