अमेरिका ने व्यापार रणनीति को लेकर चीन को आगाह कर दिया है : माइक पेंस
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि हाल के वर्षों में चीन ने उन कानूनों और नियमों की उपेक्षा करने का रास्ता चुना है जिन्होंने दुनिया को आधी से ज्यादा सदी से सुरक्षित और समृद्ध रखा है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमने चीन को आगाह कर दिया है।’
वाशिंगटन। अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए ‘‘ऋण कूटनीति’’ और ‘‘अनुचित’’ व्यापारिक गतिविधियों का इस्तेमाल कर रहा है तथा उन्होंने चीन को इसे लेकर ‘‘आगाह’’ किया है। उपराष्ट्रपति बुधवार को अमेरिकी राजदूतों के एक वैश्विक सम्मेलन में बोल रहे थे। पेंस ने विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘जैसा कि हमने देखा, चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए ऋण कूटनीति और अनुचित व्यापार गतिविधियों का इस्तेमाल कर रहा है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कुछ सप्ताह पहले उस क्षेत्र की यात्रा के दौरान स्पष्ट किया था कि अमेरिका हमेशा स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए खड़ा रहेगा जहां सभी देश नौवहन की स्वतंत्रता और मुक्त व्यापार का आनंद उठा सकते हैं।’’ सम्मेलन में भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर भी शामिल हुए।
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उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि हाल के वर्षों में चीन ने उन कानूनों और नियमों की उपेक्षा करने का रास्ता चुना है जिन्होंने दुनिया को आधी से ज्यादा सदी से सुरक्षित और समृद्ध रखा है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमने चीन को आगाह कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश के अनुसार हमने 250 अरब डॉलर की चीनी वस्तुओं, खासतौर से उन उन्नत उद्यमों पर शुल्क लगाया, जिन्हें बीजिंग अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहा है। पेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका तब तक चीन पर और भी ज्यादा शुल्क लगाने के लिए तैयार है जब तक वह आवश्यक संरचनात्मक बदलाव नहीं करता और ऐसा व्यापार समझौता नहीं करता जो ना केवल उनके देश के लिए, बल्कि अमेरिका के लिए भी काम का हो।
Protecting and promoting religious freedom is a foreign-policy priority of this Administration. On this National Religious Freedom Day, let us rededicate ourselves to that first freedom. This administration will ALWAYS be a champion for people of faith. pic.twitter.com/xgv6PMHvTL
— Vice President Mike Pence (@VP) January 16, 2019
उन्होंने राजदूतों को बताया कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के संबंधों को समझने के लिए उनके साथ बेहतर रिश्ते भी चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी ने चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में आक्रामक प्रयास देखे लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा और मैं फिर दोहराता हूं कि अमेरिका मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया के सात समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता के लिए अन्य राष्ट्रों के साथ खड़ा रहेगा।’’
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