America Hezbollah Conflict: मिडिल ईस्ट में घिरा अमेरिका, हिज्बुल्लाह कर सकता है अटैक
हिज्बुल्ला-इजरायल टकराव से अमेरिकी एजेंसियां चिंतित हैं। विदेश में अमेरिकी सैनिकों या राजयिकों पर हमले का डर उसे सताने लगा है। बता दें कि ईरान समर्थित समूह की तरफ से पहले से ही अमेरिकी बेस को निशाना बनाया जा रहा है।
अमेरिका के ठिकानों पर हिज्जबुल्ला हमला कर सकता है। हिज्जबुल्ला को लेकर अमेरिकी खुफिया विभाग ने चेतावनी दी है। मिडिल ईस्ट में अमेरिकी बेस पर हिज्जबुल्ला की नजर बनी हुई है। पॉलिटिको की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिज्बुल्ला-इजरायल टकराव से अमेरिकी एजेंसियां चिंतित हैं। विदेश में अमेरिकी सैनिकों या राजयिकों पर हमले का डर उसे सताने लगा है। बता दें कि ईरान समर्थित समूह की तरफ से पहले से ही अमेरिकी बेस को निशाना बनाया जा रहा है।
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बता दें कि बीते हफ्ते ही लेबनान के हिजबुल्लाह ने इजरायली सैन्य अड्डे पर 60 से अधिक रॉकेट दागे। समूह ने कहा कि इस हमले को बेरूत में हमास के उप नेता की हत्या की प्रतिक्रिया के रूप में वर्णित किया गया है। ईरान समर्थित समूह ने कहा कि महान नेता शेख सालेह अल-अरुरी की हत्या के अपराध की प्रारंभिक प्रतिक्रिया के हिस्से के रूप में विभिन्न प्रकार की मिसाइलों से मेरोन वायु नियंत्रण अड्डे को निशाना बनाया गया। 7 अक्टूबर को इज़राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इज़राइल-लेबनान सीमा पर मुख्य रूप से इज़राइली बलों और हमास के सहयोगी हिजबुल्लाह के बीच नियमित रूप से गोलीबारी देखी जा रही है।
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कौन है हिज्जबुल्ला
हिज़्बुल्लाह के नाम का अर्थ है 'ईश्वर की पार्टी' और ये लेबनान का एक शिया इस्लामी आतंकवादी संगठन है। थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) ने इसे दुनिया का सबसे भारी हथियारों से लैस गैर-राज्य संगठन के रूप में वर्णित किया है, जिसके पास बिना निर्देशित तोपखाने रॉकेटों के साथ-साथ बैलिस्टिक, एंटीएयर, एंटीटैंक और एंटीशिप मिसाइलों का एक बड़ा और विविध भंडार है।
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