भारत से बहुत कुछ सीख सकता है US, ओबामा को अमेरिका में ही मिली सलाह, अपनी ऊर्जा सराहना करने में खर्च करनी चाहिए
मूर ने एएनआई को बताय कि जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, वैसे ही यह एक आदर्श देश नहीं है, लेकिन इसकी विविधता इसकी ताकत है और हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सराहना करनी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग के एक पूर्व आयुक्त ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारत की आलोचना करने से ज्यादा उसकी सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। अमेरिकी ईसाई धर्म प्रचारक जॉनी मूर ने कहा कि भारत मानव इतिहास में सबसे विविधता वाला देश है और अमेरिका को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सराहना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। भारत मानव इतिहास में सबसे विविधता वाला देश है।
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मूर ने एएनआई को बताय कि जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, वैसे ही यह एक आदर्श देश नहीं है, लेकिन इसकी विविधता इसकी ताकत है और हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सराहना करनी चाहिए। अमेरिका भारत से बहुत कुछ सीख सकता है। भारत पूरे विश्व में सबसे अधिक बहुलतावादी देश है। यह धर्मों की प्रयोगशाला है। मैं धर्म के बारे में जानने के लिए भारत गया था और भारत के बारे में उल्लेखनीय चीजों में से एक यह है कि यहां अधिक भाषाएं, अधिक धर्म और अधिक विविध लोग हैं, जिसका मानव इतिहास में कोई उदाहरण नहीं है।
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उनकी टिप्पणी ओबामा के एक साक्षात्कार के बाद आई है जिसमें पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि बाइडेन को भारत के साथ धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाना चाहिए, जैसा कि अगर वह अभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति होते तो ऐसा करते। गुरुवार को सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि यदि भारत जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करता है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी बिंदु पर देश अलग होना शुरू हो जाएगा।
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