कभी प्यार तो कभी तकरार! दुनिया ने नहीं देखी होगी मोदी-ट्रंप की ऐसी यारी
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ भयावह कोरोना वायरसअब महामारी में तब्दील हो चुका है।इस खतरनाक वायरस ने पूरे विश्व में पैर पसार दिया है। बता दें कि अब तक इस महमारी से मरने वालों की संख्या 3लाख से पार हो गई है।इस महमारी से कोई अगर देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है तो वो है देश अमेरिका।
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के रिश्तों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। 90 के दशक में जब भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आपको मजबूत बना रहा था, तब अमेरिका को अच्छा नहीं लग रहा था। आपको जानकर हैरानी होगी की जिस अमेरिका और भारत की दोस्ती और रिश्तें को आज आप देख खुश होते है वहीं 1998 के दौरान दोनों देशों के बीच तकरार बनी हुई थी। 1988 के दौरान जब भारत ने परमाणु परिक्षण किया था, तब अमेरिका ने इसका जमकर विरोध किया था। लेकिन फिलहाल के सालों में ये दो देश दोस्ती की नई मिसाल पेश कर रहा हैं और दोनों देशों के बीच रिश्तें भी काफी मजबूत हुए है। इन दोनों देशों की दोस्ती और रिश्तें इसलिए भी मजबूत हुए हैं क्योंकि एक जगह अमेरिका को एशिया में अपना दबदबा बनाए रखना है जिसके लिए भारत की अमेरिका को सख्त जरूरत है तो वहीं भारत को अपने व्यापार को मजबूत बनाना हैं। साथ ही रक्षा कारणों के लिए भी भारत को अमेरिका की जरूरत हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम मोदी की दोस्ती
साल 2017 में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के नए राष्ट्रपति घोषित हुए। इस दौरान भारत और अमेरिका की दोस्ती और रिश्तें और मजबूत होने लगे। अमेरिका में रह रहे हिन्दू समुदाय की तरफ खास रवैया रखने वाले ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ये साफ कहा था कि वह अगर अमेरिका के राष्ट्रपति बनते है तो उन्हें एक सच्चा दोस्त मिलेगा। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में भी ये साबित हुआ कि डोनाल्ड ट्रंप भारत को कितना खास मानते हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी पहले ऐसे विदेशी मंत्री थे जिन्होंने पूरे वाइट हाउस का दौरा किया था। इस दौरान इन दो देशों के बीच कई समझौते भी हुए। इस साझेदारी से दो देशों के रिश्तें तो मजबूत हुए ही साथ ही दोस्ती की मिसाल भी पेश की गई। 22 सितंबर 2019 को टेक्सास के ह्यूस्टन में आयोजित किया गया खास कार्यक्रम ‘हाउडी मोदी’ ने दो देशों की गहरी दोस्ती दिखाई। आपको बता दें कि ये कार्यक्रम मुख्य रूप से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें उनके दोस्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी शामिल थे। इस कार्यक्रम में भारतीय मूल के लगभग 50,000 लोग शामिल हुए थे। वहीं पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति को नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम से संबोधित किया। पहली बार दो दिवसीय यात्रा पर भारत दौरे पर आए डोनाल्ड ट्रंप के लिए नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम काफी खास रहा। मोटेरा स्टेडियम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब एक लाख लोगों को संबोधित किया, जिसमें उनके दोस्त भारत के प्रधानमंत्री भी शामिल थे। ट्रंप के भारत दौरे से दो दोशों के बीच के रिश्तें और मजबूत हुए।
कश्मीर मुद्दा
जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता करने को कहा था तब ये कहा जा रहा था कि ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता पर बातचीत की है। भारत ने इस दावे का साफ खारिज कर दिया था। भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चल रहे कश्मीर विवाद को लेकर अमरीकी विदेश मंत्रालय ने साफ कह दिया था कि ये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है।
कोरोना वायरस से दो देशों के बीच कहा-सुनी
चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ भयावह कोरोना वायरस अब महामारी में तब्दील हो चुका है। इस खतरनाक वायरस ने पूरे विश्व में पैर पसार दिया है। बता दें कि अब तक इस महमारी से मरने वालों की संख्या 3 लाख से पार हो गई है। इस महमारी से कोई अगर देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है तो वो है देश अमेरिका। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 85 हजार के पार हो गई है वहीं इससे 14 लाख 30 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात करने की गुहार लगाई थी। बता दें कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इस बीच ट्रंप ने भारत को ऐसे संकेत दिए थे कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) दवा के निर्यात पर से बैन नहीं हटाया तो वह जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं।
- व्हाइट हाउस का अचानक पीएम मोदी को ट्वीटर से अनफोलो करना?
इस कोरोना संकट में अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा देकर भारत ने अपनी दोस्ती साबित की। वहीं डोनाल्ड ट्रंप भारत के पीएम मोदी को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते है और अपने रिश्तों को गहरा करार देते है। लेकिन ट्रंप का अचानक भारत के लिए रूख बदल जाना समझ के बाहर है। हाल-फिलहाल व्हाइट हाउस ने सोशल मीडिया में पीएम मोदी के साथ 5 और ट्वीटर हैंडल पर फोलो किया था लेकिन कुछ दिनों में ही उन्होंने इन सभी ट्वीटर हैंडल को अनफोलो कर दिया। इसको लेकर अमेरिका ने सफाई दी की राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान अकाउंट कुछ समय के लिए मेजबान देश के अधिकारियों, नेताओं के अकाउंट को फॉलो करता है ताकि यात्रा के समर्थन में किए जाने वाले ट्वीट को रीट्वीट किया जा सके।
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
कोरोना संकट से भारत भी काफी जूझ रहा है। बते दें कि अब तक कोरोना से भारत में अस महमारी से 2, 752 मौतें हो चुकी है वहीं वहीं इसके 85, 940 मामले सामने आ चुके है। इसी को देखते हुए अब दोस्त अमेरिका भारत की मदद करने को आगे आया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका साथ मिल कर कोविड-19 का टीका विकसित करने में जुटे हुए हैं। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि इस साल के अंत तक कोविड-19 का टीका विकसित होने की संभावना है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे भारत को अनुदान के तौर पर वेंटिलेटर्स देंगे। ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा, मुझे गर्व है कि अमेरिका भारत के मेरे दोस्तों को वेंटिलेटर्स का दान करेगा।उन्होंने कहा, ‘‘मैं कुछ ही समय पहले भारत से लौटा हूं और हम भारत के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। अमेरिका में भारतीय बहुत बड़ी संख्या में हैं और आप जिन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं उनमे से कई लोग टीका विकसित करने में जुटे हुए हैं।
पीएम मोदी को बताया अच्छा मित्र
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बहुत अच्छा मित्र बताया। इस बीच, समाचार एजेंसी एपी की खबर के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि इस साल के अंत तक या उससे कुछ समय बाद कोरोना वायरस का टीका बाजार में उपलब्ध हो सकता है। ट्रंप की ओर से वायरस के मामलों के लिए प्रशासन में नियुक्त किए गए एक पूर्व दवा कार्यकारी मोनसेप स्लोई ने कहा कि हमारा प्रयास वर्ष 2020 के अंत तक टीका तैयार करने का है।
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